Dhanteras Gold Buying 2022: इस साल धनतरेस पर बुलियन मार्केट में रौनक बढ़ सकती है. 2 साल से बाजार में कोविड का जो डर था, इस बार खत्म हो चुका है. वहीं धनतेरस से पहले सोने की कीमतों में गिरावट आई है, जिससे यह बॉइंग के लिए कंफर्ट लेवल पर आ गया है. एक्सपर्ट मान रहे हैं कि इंपोर्ट ड्यूटी और महंगाई जैसे कंसर्न हैं, लेकिन ओवरआल सोने के लिए आउटलुक बेहतर है. सोने में अगर जरा भी गिरावट आए, इसमें निवेश करने का मौका होगा. एक्सपर्ट का कहना है कि पिछले धनतेरस के मुकाबले इस बार सोने की बिक्री में 15 से 20 फीसदी इजाफा देखने को मिल सकत है.
धनतेरस में गुलजार होगा सोने का बाजार
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि साल 2020 की बात करें तो धनतेरस के दौरान सोने की खरीदारी पर कोविड 19 महामारी भारी पड़ गई. तब कोविड का कंसर्न बहुत ज्यादा था. लेकिन इसके मुकाबले 2021 में काफी सुधार देखने को मिला. 2021 में ओवरआल इंपोर्ट 1000 टन का रहा. इस बार की बात करें तो माहौल काफी बदल गया है. इस बार इंपोर्ट ड्यूटी और महंगाई जैसे कंसर्न हैं, लेकिन धनतेरस पर सोने में रौनक रहेगी. पिछले साल की बिक्री का लेवल पार हो जाएगा.
निवेशकों को लगाना चाहिए पैसे
उनका कहना है कि मंदी का असर भारतीय बाजार पर दूसरे बाजारों की तुलना में कम है. इस बार कोरोना का भी डर नहीं है. वहीं आगे की बात करें तो जिस तरह की अनिश्चितताएं बाजार में हैं, सोने और चांदी दोनों में मजबूती आनी है. अगली दिवाली तक सोना बुलिश कंडीशन में 56000 रुपये प्रति 10 ग्राम का लेवल दिखा सकता है. जबकि चांदी में 85000 का भव आ सकता है. इसलिए निवेशक 50,000 रुपये के आस पास के लेवल से सोने में निवेश कर सकते हैं.
धनतेरस के पहले सोना हुआ सस्ता
आईआईएफएल के वीपी-रिसर्च, अनुज गुप्ता का कहना है कि गोल्ड मार्केट का ट्रेंड पॉजिटिव है. सबसे अच्छी बात है कि हफ्ते भर में सोना 52000 रुपये से टूटकर 50500 रुपये के करीब आ गया है. 2 साल कोविड के असर के बाद इस बार वैल्यू बॉइंग बढ़ने की उम्मीद है. इस साल धनतेस पर पिछले साल के मुकाबले 15 से 20 फीसदी बिक्री ज्यादा रहने की उम्मीद है.
अगली दिवाली तक सोने का टारगेट प्राइस
दूसरी ओर देखें तो ग्लोबल मार्केट के लिए महंगाई और जियो पॉलिटिकल टेंशन के अलावा संभावित मंदी चिंता वाले फैक्टर हैं. सेंट्रल बैंकों को बार बार रेट हाइक का उतना फायदा नहीं मिला, जितना मिलना चाहिए. इसलिए आगे उनका रुख नरम हो सकता है. इन वजहों से सोने में आगे रैली संभव है. उनका कहना है कि सोना अगली दिवारली तक 55000 से 57000 रुपये का भाव दिखा सकता है तो चांदी में 65000 से 70000 रुपये तक की तेजी संभव है.
पिछली बार कितनी रही थी ब्रिकी
कॉन्फेडरेशन ऑ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और एआईजीएफ के अनुसार 2021 में धनतेरस पर देश भर में लगभग 15 टन सोने की बिक्री हुई थी, जिसका वैल्यू करीब 7500 करोड़ रुपये थी. दिल्ली में जहां करीब 1000 करोड़ रुपये की सोने चांदी की खरीदारी हुई, महाराष्ट्र में लगभग 1500 करोड़, उत्तर प्रदेश में लगभग 600 करोड़ और दक्षिण भारत में लगभग 2000 करोड़ का सोने की खरीदारी हुई.