Apple Price Down: इस साल कश्मीर में सेब की बंपर फसल हुई है. इसके बावजूद किसान बहुत निराश हैं, क्योंकि इस साल सेब की कीमत पिछले साल के मुकाबले 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. फसल की सही कीमत नहीं मिलने से परेशान किसानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. देश में होने वाली सेब की कुल फसल का 75 फीसदी हिस्सा अकेले कश्मीर में होता है. इसे राज्य की इकॉनमी की बैकबोन कहा जा सकता है. राज्य की कुल जीडीपी में इसका करीब 8.3 फीसदी का योगदान रहता है. कश्मीर से सेब देशभर की प्रमुख मंडियों में भेजा जाता है.
कीमत कम होने से किसानों को नुकसान
चैंबर ऑफ आजादपुर सब्जी व फल ट्रेडर्स के अध्यक्ष मीठा राम कृपलानी ने बताया कि इस सीजन में पिछले साल की तुलना में सेब के दाम में 30 फीसदी तक की कमी आई है. कृपलानी ने कहा कि अगर सरकार इन किसानों की मदद नहीं करती है तो सेब की फसल करने वाले किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.
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सिर्फ 400 में बिक रही है सेब की एक पेटी
बड़गाम के चरार-ए-शरीफ में रहने वाली सेब किसान बशीर अहमद बाबा ने कहा कि इस बार अच्छी फसल होने के बाद किसान और व्यापारी ज्यादा फायदे की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन सेब की कीमतों में आई कमी की वजह से सबसे उम्मीदों पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है. इसके साथ ही बशीर ने बताया कि कटाई के मौसम में भूस्खलन की वजह से श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाइवे के बार-बार बंद होने से फलों की सप्लाई प्रभावित हो रही है. उसने बताया कि इस समय 16 किग्रा वजन वाली सेब की पेटी की कीमत 500 रुपये है, जिसमें 200 रुपये तो उसकी पैकेजिंग और ट्रांसपोर्ट पर खर्च हो जाता है. ऐसे में किसान को सेब की पेटी के लिए 400 रुपये ही मिल रहे हैं.
इससे पहले जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा सितंबर के महीने में श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाइवे के बार-बार बंद होने और फलों सप्लाई ठीक से नहीं होने को लेकर विपक्ष द्वारा लगाये जा रहे आरोपों पर कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का ट्रांसफर कर दिया था.