वैश्विक बाजारों में गिरावट के बीच आज घरेलू मार्केट में लगातार पांचवे कारोबारी दिन बिकवाली का दबाव रहा. इन्फ्लेशन और मौद्रिक नीति में सख्ती की चिंताओं के बीच सेंसेक्स व निफ्टी में गिरावट रही. BSE सेंसेक्स सोमवार को इंट्राडे में 2,000 अंक या 3.5 फीसदी की गिरावट के साथ 56,984 के निचले स्तर पर चला गया. वहीं, निफ्टी 50, 500 अंक या 3.5 प्रतिशत गिरकर 16,998 के स्तर पर आ गया. सेंसेक्स आज 1545.67 अंकों की फिसलन के साथ 57,491.51 और निफ्टी 468.05 अंकों की गिरावट के साथ 17,149.10 पर बंद हुआ है. दोनों ही घरेलू बेंचमार्क इंडेक्स ढाई फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुए हैं. एनालिस्ट्स का मानना है कि लंबी अवधि के निवेशक इन स्तरों पर बाजार में एंट्री कर सकते हैं.
एफपीआई की बिकवाली, इन्फ्लेशन और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें बाजार को कर रही हैं प्रभावित
शेयर इंडिया सिक्योरिटीज के VP और रिसर्च हेड रवि सिंह ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन को बताया कि फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) कई वजहों से भारतीय बाजारों से पैसा निकालते हैं. ग्लोबल इन्फ्लेशन के रूप में कच्चे तेल की कीमतें पिछले कुछ महीनों से बढ़ रही है, जिसने वित्तीय बाजारों पर नकारात्मक प्रभाव डाला है. पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव, बजट, और मौद्रिक नीति में सख्ती की चिंताओं ने बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी को प्रभावित किया है.
निफ्टी टेक्निकल: हालांकि इस हफ्ते गुरुवार तक बिकवाली का दबाव बना रह सकता है और निफ्टी अगर 17200 के नीचे बंद होता है तो यह 16800 के स्तर तक और नीचे जा सकता है.
रेट हाइक की चिंता और यूएस फेड भाषण
जेमस्टोन इक्विटी रिसर्च एंड एडवाइजरी सर्विसेज के कंसल्टिंग टेक्निकल एनालिस्ट और फाउंडर मिलन वैष्णव ने कहा कि मुद्रास्फीति या रेट हाइक की चिंताओं के चलते भारतीय बाजार नीचे की ओर जा रहा है और इस सप्ताह यूएस फेड भाषण भी महत्वपूर्ण होगा.
निफ्टी टेक्निकल: लगातार पांचवें दिन बिकवाली जारी है. निफ्टी अपने 1800+ अंक के टेक्निकल पुलबैक से 1200 अंक से ज्यादा टूट गया है. उन्होंने आगे कहा, “हालांकि, शॉर्ट टर्म चार्ट पर, बिकवाली अधिक लगती है और डायरेक्शनल सहमति में कोई बड़ा बदलाव नहीं होने पर भी हम कुछ टेक्निकल पुलबैक देख सकते हैं.” वैष्णव ने कहा कि निफ्टी को ट्रेंड लाइन के रूप में 17200 पर स्ट्रांग सपोर्ट मिल रहा है. यह ट्रेंडलाइन 18600 के टॉप से शुरू होती है और बाद के लोवर टॉप से जुड़ती है. वैष्णव ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन को बताया, “किसी भी मामले में, निफ्टी के लिए 17200 और सेंसेक्स के लिए 56000-56500 के स्तर को बनाए रखना महत्वपूर्ण होगा.”
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
- CapitalVia ग्लोबल रिसर्च के रिसर्च हेड गौरव गर्ग ने कहा कि भारतीय बाजारों में मंदड़ियों की मजबूत पकड़ बनी हुई है. गर्ग ने कहा कि मुद्रास्फीति की चिंताएं निवेशकों के निराश होने के प्रमुख कारण लगते हैं. अर्थव्यवस्था के सामान्य होने के साथ, मुद्रास्फीति के भी सामान्य होने की उम्मीद है.
- निफ्टी, बैंक निफ्टी टेक्निकल्स: उन्होंने फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन को बताया, “हाल के करेक्शन के बाद, 16,700 के बाद 16,900-17,050 निफ्टी के लिए इमीडिएट सपोर्ट जोन लगता है. जबकि ऊपर की ओर 18,400 रेजिस्टेंस जोन प्रतीत होता है. 34,000 के बाद 35,500 बैंक निफ्टी के लिए इमीडिएट सपोर्ट जोन है. नियर टर्म में इसे 38,200 के आसपास रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ सकता है.
- वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज के डायरेक्टर इक्विटी स्ट्रेटजी क्रांति बथिनी ने कहा कि कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण भारतीय बाजार बिकवाली के दबाव में थे. घरेलू निवेशक आगामी केंद्रीय बजट 2022 से पहले वेट एंड वॉच मोड में हैं.
- एफपीआई अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसलों और रूस व यूक्रेन के बीच भू-राजनीतिक मुद्दों पर नजर रखे हैं. बथिनी ने निवेशकों को सलाह दी, “लंबी अवधि के निवेशकों के लिए भारतीय बाजार में एंट्री करने का यह अच्छा मौका है.”
(Article: Surbhi Jain)