
इक्विटी मार्केट में तेजी के कारण भारत का मार्केट कैप टू जीडीपी रेश्यो 91 फीसदी तक बढ़ गया है. यह अनुपात पिछले वित्त वर्ष में 56 फीसदी था. इस वित्त वर्ष में मार्केट कैप टु जीडीपी रेश्यो में इतनी अधिक बढ़ोतरी डोमेस्टिक स्टॉक में तेजी के कारण हुई. डोमेस्टिक स्टॉक में तेजी विदेशी निवेश के बढ़ने से आई है. ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक इस तेजी के साथ अब घरेलू बाजार का मार्केट कैप और जीडीपी रेश्यो अपने लांग पीरियड औसत 75 फीसदी से अधिक हो गया है.
इस इंडिकेटर को बफे इंडिकेटर कहते हैं क्योंकि दिग्गज निवेशक वारेन बफे ने ही इसे इतना प्रसिद्ध बनाया है. इस इंडिकेटर में सभी लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैपिटल को देश की जीडीपी से तुलना की जाती है. इसके जरिए यह आकलन किया जाता है कि स्टॉक मार्केट ओवरवैल्यूड है या अंडरवैल्यूड.
यह भी पढ़ें- PM Kisan 7th Installment: नहीं मिली 2000 रु की 7वीं किस्त, करें ये काम
दुनिया के एम-कैप में भारत की 2.3 फीसदी हिस्सेदारी
मार्केट कैप टू जीडीपी रेश्यो बहुत वोलेटाइल है. वित्त वर्ष 2019 में यह 79 फीसदी था और अगले ही वित्त वर्ष में 56 फीसदी हो गया. चालू वित्त वर्ष की बात करें तो इस समय यह करीब 91 फीसदी पर है जबकि लांग टर्म एवरेज 75 फीसदी का ही है. मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के एम-कैप में भारत की हिस्सेदारी 2.3 फीसदी है जो ऐतिहासिक औसत 2.4 फीसदी से आंशिक कम है. पिछले 12 महीने में दुनिया के एम-कैप में 19.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है जबकि भारत में यह सिर्फ 8 फीसदी बढ़ा है. पिछले 12 महीनों में चाइनीज इक्विटी 54 फीसदी, साउथ कोरियन स्टॉक मार्केट 39 फीसदी और ताइवान का एम-कैप 29 फीसदी बढ़ा है.
निफ्टी के भी वैल्युएशन में आई है तेजी
स्टॉक मार्केट की तेजी ने निफ्टी का भी वैल्युएशन बढ़ाया है. 21x पर निफ्टी 12 महीने के फॉरवर्ड P/E पर ट्रेड कर रहा है जो इसके लांग पीरियड एवरेज से 11 फीसदी प्रीमियम पर है. 2.8x की निफ्टी P/B इस समय अपने हिस्टोरिकल एवरेज से 10 फीसदी प्रीमियम पर है. इसके अलावा निफ्टी की पिछले 12 महीने का P/E इस समय 26.7x पर है जो उसे लांग पीरियड एवरेज 19.8x से 34 फीसदी प्रीमियम पर है. 3.1x पर निफ्टी की ट्रेलिंग P/B भी 2.8x के हिस्टोरिकल एवरेज से अधिक चल रहा है.
(Article: Kshitij Bhargava)
Get Business News in Hindi, latest India News in Hindi, and other breaking news on share market, investment scheme and much more on Financial Express Hindi. Like us on Facebook, Follow us on Twitter for latest financial news and share market updates.