
अमेजन (Amazon), फ्लिपकार्ट (Flipkart) समेत ई-कॉमर्स कंपनियों पर बैंकों से साठगांठ के गंभीर आरोप लगे हैं. ट्रेडर्स ने इस मामले की शिकायत बैंकिंग रेग्युलेटर रिजर्व बैंक से की गई है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) का कहना है कि ई-कॉमर्स पोर्टल से सामान खरीदने पर बैंकों की ओर से दिए जाने वाले कैश बैक डिस्काउंट से देशभर के व्यापारियों को बड़ा नुकसान हो रहा है. अमेजन और फ्लिपकार्ट के साथ मिलकर बैंक व्यापारियों और उपभोक्ताओं के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन कर रहे हैं. साथ ही यह सरकार की एफडीआई नीति का भी खुला उल्लंघन हैं, जिसे बैंकों और अमेजन-फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों के बीच एक कार्टेल बनाकर अंजाम दिया जा रहा है.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि हम बैंक एवं अमेजन-फ्लिपकार्ट के कार्टेल की जांच एवं कार्रवाई के लिए प्रतिस्पर्धा आयोग को एक अलग शिकायत दर्ज कराएंगे. इस तरह की साठगांठ देश के छोटे व्यापारियों के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है.
RBI तक पहुंचा मामला, एक्शन का इंतजार
ट्रेडर्स की संस्था कैट ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास को गए एक ज्ञापन भेजा है. इसमें कहा है कि अनेक बैंक अमेजन एवं फ्लिपकार्ट के ईकॉमर्स पोर्टल से किसी भी उत्पाद की खरीद पर समय-समय पर 10% छूट अथवा कैशबैक दे रहे हैं. इनमें HDFC बैंक, SBI, ICICI बैंक, सिटी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, HSBC, बैंक ऑफ बड़ौदा, RBL बैंक, एक्सिस बैंक आदि प्रमुख बैंक हैं.
खंडेलवाल का कहना है कि ये बैंक अपने डेबिट/क्रेडिट कार्ड के जरिए इन पोर्टल से शॉपिंग करने पर कैश डिस्काउंट दे रहे हैं, लेकिन अगर वही सामान किसी दुकान से खरीदा जाता है और इन्ही बैंकों के कार्ड से पेमेंट की जाती है तब भी यह छूट नहीं मिलती है. बैंकों का यह रवैया व्यापारियों एवं खरीददारों के साथ भेदभावपूर्ण है. साथ ही इस तरह के ऑफर को ऑनलाइन पोर्टल से सामान खरीदने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. जो संविधान के अनुच्छेद 19 और अनुच्छेद 301 का उल्लंघन हैं. यह दोनों अनुच्छेद भारत में व्यापार और वाणिज्य की स्वतंत्रता के गारंटी देते हैं.
EPFO मेंबर बनने के बाद भी मिलेगी PM-SYM पेंशन? नौकरी मिलने के बाद जान लें नियम
तत्काल बंद हो कैश बैंक ऑफर
भरतिया का कहना है कि अमेजन और फ्लिपकार्ट फ्लिपकार्ट के साथ बैंकों के बीच एक कार्टेल है जो बाजार में अनुचित प्रतिस्पर्धा को भी प्रोत्साहित करता है. यह प्रतिस्पर्धा कानून के विरुद्ध है. प्रतिस्पर्धा कानून उन समझौतों पर रोक लगाता है जो भारत में प्रतिस्पर्धा पर प्रतिकूल प्रभाव का कारण बनते हैं या कारण होने की संभावना है.
कैट ने मांग की है रिजर्व बैंक इस मामले का तुरंत संज्ञान लें और बैंकों को तत्काल प्रभाव से कैश बैक ऑफर बंद करने का आदेश दे. साथ ही बैंकिंग मानकों और बैंकों की संदिग्ध भूमिका के लिए बैंकों के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई करने का आदेश जारी करे.
Get Business News in Hindi, latest India News in Hindi, and other breaking news on share market, investment scheme and much more on Financial Express Hindi. Like us on Facebook, Follow us on Twitter for latest financial news and share market updates.