केंद्र सरकार ने वर्तमान आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) शक्तिकांत दास को तीन साल का सेवा विस्तार देने का फैसला किया है. दास के कार्यकाल को बढ़ाने की मंजूरी कैबिनेट की चयन समिति ने दी है. केंद्रीय बैंक आरबीआई के अगले गवर्नर के रूप में उनका अगला कार्यकाल 10 दिसंबर 2021 से शुरू हो जाएगा. 1992 के बाद से यानी पिछले करीब तीन दशक में लगभग सभी गवर्नर ने करीब पांच-छह साल पदभार संभाला सिवाय रघुराम राजन और उर्जित पटेल को छोड़कर.
शक्तिकांत दास का अगला कार्यकाल दिसंबर 2023 तक या अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा. उन्होंने केंद्रीय बैंक के 25वें गवर्नर के रूप में दिसंबर 2018 में यह पद संभाला था. शक्तिकांत दास तमिलनाडु कैडर से 1980 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं और वह राजस्व विभाग के सचिव और आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव के रूप में काम कर चुके हैं.
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तीन दशक में सिर्फ Raghuram Rajan और Urjit Patel का कार्यकाल छोटा
पिछले तीन दशक में सिर्फ रघुराम राजन और उर्जित पटेल ऐसे आरबीआई गवर्नर रहे जिन्हें दूसरा कार्यकाल नहीं मिला. इसमें से रघुराम राजन ने अपना पहला कार्यकाल पूरा किया था लेकिन उर्जित पटेल ने व्यक्तिगत कारणों से अपना पहला कार्यकाल पूरा किए बिना ही इस्तीफा दे दिया था. पिछले तीन दशक की बात करें तो सी रंगराजन 1992 से1997 तक, बिमल जालान 1997-2003 तक, वाईवी रेड्डी 2003 से 2008 तक, डी सुब्बाराव 2008 से 2013 तक, रघुराम राजन 2013 से 2016 तक और उर्जित पटेल 2016 से 2018 तक यह पद संभाला. पटेल के बाद शक्तिकांत दास दिसंबर 2018 से गवर्नर हैं.
सरकार के साथ काम का 38 वर्षों का अनुभव
शक्तिकांत दास वर्ष 2018 से आरबीआई के गवर्नर हैं. इसके पहले वह 15वें वित्त आयोग और भारत के जी20 शेरपा के सदस्य के रूप में काम कर चुके हैं. उन्होंने वित्त, टैक्सेशन, इंडस्ट्रीज और इंफ्रास्ट्रक्चर इत्यादि को लेकर केंद्र व राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर चुके हैं. वह पिछले 38 वर्षों से सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. अब तक 8 केंद्रीय बजट को बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने 17 मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी का नेतृत्व भी किया है. उन्हीं के नेतृत्व में कोरोना महामारी के असर से भारतीय इकोनॉमी को लगे झटके से उबारने के लिए दरों को ऐतिहासिक न्यून स्तर पर रखने का फैसला किया गया.