
Stock Market on Record High: अगस्त के बाद से शेयर बाजार में जो रैली शुरू हुई थी, वह आज भी जारी है. 21 जनवरी के कारोबार में सेंसेक्स ने पहली बार 50 हजार का स्तर भी पार कर लिया है. मार्च 2020 के लो से सेंसेक्स में करीब 100 फीसदी या 25000 अंकों के करीब तेजी आ चुकी है. इस दौरान बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप भी 199 लाख करोड़ पहुंच गया है. 1.5 महीने में ही सेंसेक्स में करीब 5 हजार अंकों की तेजी आ चुकी है. अब एक्सपर्ट मान रहे हैं कि बाजार का यह वैल्युएशन बहुत ज्यादा हो गया है. अर्थव्यवस्था में उस तरह की रिकवरी नहीं आई है, जैसी बाजार में तेजी है. ऐसे में निवेशकों को अब एक मजबूत ट्रिगर का इंतजार करना चाहिए. एक भी निगेटिव ट्रिगर बाजार में गिरावट ला सकता है. आने वाले दिनों में कॉरपोरेट अर्निंग और अहम रोल प्ले कर सकते हैं.
मार्च के लो से निवेशकों की 95 लाख करोड़ बढ़ी दौलत
पिछले साल कारोना वायरस महामारी के चलते शेयर बाजार अपने निचले स्तररों पर आ गया था. सेंसेक्सर ने 24 मार्च को 25639 का स्तोर टच किया था. वहीं, 21 जनवरी 2021 को यह 50100 को पार कर गया. इस दौरान बीएसई लिस्टेाड कंपनियों का मार्केट कैप करीब 95 लाख करोड़ बढ़ गई. 24 मार्च 2020 को मार्केट कैप 10369706 करोड़ था जो 21 जनवरी 2021 को बढ़कर 19882400 करोड़ के आस पास पहुंच गया.
हाई वैल्युएशन बन सकता है रिस्क
एमके ग्लोबल मैनेजमेंट के रिसर्च हेड, डॉ जोसेफ थॉमस का कहना है कि शेयर बाजार में जोरदार तेजी के पीछे कई बड़ी वजह रही हैं. सेंट्रल बैंक ने लिक्विडिटी बढाई है. विदेशी निवेशक बाजार में लगातार पैसे डाल रहे हैं. वहीं कोरोना वैक्सीन आने से भी बाजार की वी शेप रिकवरी संभव हुई और सेंसेक्स आज के कारोबार में 50 हजार के पार निकल गया. यूएस में हाल ही में सत्ता परिवर्तन से भह बाजार को नया ट्रिगर मिला है. हालांकि 50 हजार के स्तर पर वैल्युएशन अब ज्यादा दिख रहा है. अगर कंपनियों की अर्निंग बेहतर नहीं रहती है तो यह वैल्युएशन बाजार के लिए रिस्क बन सकता है.
एंजेल ब्रोकिंग के चीफ एनालिस्ट समीत चावन का कहना है कि यहां से निवेशकों को स्टॉक स्पेसिफिक रहने की सलाह है. निवेशकों को पैसा लगाने के पहले उन सेक्टर्स की पहचान करना चाहिए, जिनमें आगे तेजी बने रहने का अनुमान है. ट्रेडर्स को टाइमली एग्जिट पर ध्यान रखना चाहिए.
बाजार के लिए क्या है खतरे की घंटी
हाल ही में ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह कहा गया था आर्थिक सुस्ती के बाद भी शेयर बाजार का हाई वैल्युएशन खतरे की घंटी है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर निलेश शाह का कहना है कि इंटरेस्ट रेट कम होने और लिक्विडिटी बढने से इक्विटी मार्केट को सपोर्ट मिला है. लेकिन आगे रिवर्स डायरेक्शन भी दिख सकता है. वहीं एक्सपर्ट यह भी मान रहे हैं कि बजट में एक भी निगेटिव ट्रिगर बाजार सेंटीमेंट को कमजोर कर सकता है.
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