SBI Q2 Results: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने वित्त वर्ष 2022-23 की जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजों का एलान कर दिया है. बैंक ने आज शनिवार को बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बैंक का स्टैंडअलोन प्रॉफिट 74 फीसदी बढ़कर 13,265 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. बैंक के मुनाफे में यह उछाल बैड लोन में कमी और इंटरेस्ट इनकम में बढ़ोतरी के चलते देखने को मिली है. देश के सबसे बड़े बैंक ने एक साल पहले इसी तिमाही में 7,627 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था.
कुल आय और NII भी बढ़ी
सितंबर तिमाही में बैंक की कुल आय भी बढ़कर 88,734 करोड़ रुपये हो गई जो एक साल पहले की समान तिमाही में 77,689.09 करोड़ रुपये थी. पिछली तिमाही में एसबीआई की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) 13 प्रतिशत बढ़कर 35,183 करोड़ रुपये हो गई जबकि एक साल पहले यह 31,184 करोड़ रुपये थी. जुलाई-सितंबर तिमाही में बैंक की एसेट क्वॉलिटी भी बेहतर हुई है. कंसोलिडेटेड आधार पर बैंक का शुद्ध लाभ 66 प्रतिशत बढ़कर 14,752 करोड़ रुपये हो गया जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में यह 8,890 करोड़ रुपये था. सितंबर तिमाही में एसबीआई समूह की कुल आय भी बढ़कर 1,14,782 करोड़ रुपये हो गई जो पिछले साल की समान अवधि में 1,01,143.26 करोड़ रुपये थी.
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NPA घटने से भी बढ़ा मुनाफा
बैंक की ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) घटकर सकल अग्रिम का 3.52 प्रतिशत रह गईं जबकि एक साल पहले की इसी तिमाही में यह 4.90 प्रतिशत थी. शुद्ध एनपीए यानी फंसे कर्जों का अनुपात भी घटकर कुल अग्रिम का 0.80 प्रतिशत रह गया. एक साल पहले की समान अवधि में यह अनुपात 1.52 प्रतिशत था. इसका नतीजा फंसे कर्जों के लिए वित्तीय प्रावधान की जरूरत में गिरावट के रूप में आया है. एक साल पहले फंसे कर्जों के लिए 2,699 करोड़ रुपये का प्रावधान बैंक को करना पड़ा था लेकिन सितंबर तिमाही में यह राशि घटकर 2,011 करोड़ रुपये रह गई.
(इनपुट-पीटीआई)