Signature Global IPO: रियल्टी फर्म सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) के आईपीओ को मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) की मंजूरी मिल गई है. कंपनी इस आईपीओ के ज़रिए 1000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. अफोर्डेबल और मिड-हाउसिंग सेगमेंट पर फोकस करने वाली सिग्नेचर ग्लोबल ने जुलाई में आईपीओ के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दायर किया था. सेबी ने इस आईपीओ के लिए 24 नवंबर को अपना ऑब्जर्वेशन लेटर जारी किया. बता दें कि आईपीओ लाने से पहले किसी भी कंपनी के लिए ऑब्जर्वेशन लेटर हासिल करना जरूरी होता है.
आईपीओ से जुड़ी डिटेल
- डीआरएचपी के अनुसार, इस आईपीओ के तहत 750 करोड़ रुपये तक के फ्रेश इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे. इसके अलावा, 250 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत की जाएगी.
- OFS के हिस्से के रूप में प्रमोटर सर्वप्रिय सिक्योरिटीज और निवेशक इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन में से प्रत्येक 125 करोड़ रुपये तक के इक्विटी शेयर बेचेंगे.
- आईपीओ के ज़रिए मिलने वाले फंड का इस्तेमाल कर्ज के भुगतान के लिए किया जाएगा. इसके साथ ही, भूमि अधिग्रहण के माध्यम से इन-ऑर्गेनिक ग्रोथ और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए भी फंड का इस्तेमाल करने की योजना है.
- फंड का इस्तेमाल सब्सिडियरी कंपनियों – सिग्नेचर ग्लोबल होम्स, सिग्नेचर इंफ्राबिल्ड, सिग्नेचर ग्लोबल डेवलपर्स और स्टर्नल बिल्डकॉन के कर्ज का भुगतान करने के लिए भी किया जाएगा.
कंपनी के बारे में
सिग्नेचर ग्लोबल ने 2014 में गुरुग्राम, हरियाणा में 6.13 एकड़ भूमि पर ‘Solera’ प्रोजेक्ट के शुभारंभ के साथ अपनी सब्सिडियरी कंपनी सिग्नेचर बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से काम शुरू किया था. DRHP के अनुसार कंपनी ने कहा, “हमने पिछले कुछ वर्षों में और एक दशक से भी कम समय में अपने ऑपरेशन को बढ़ाया है और 31 मार्च, 2022 तक हमने 23,453 रेसिडेंशियल और कमर्शियल यूनिट्स बेची हैं. इसमें दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के भीतर 145.9 लाख वर्ग के कुल बिक्री योग्य क्षेत्र शामिल हैं.” कंपनी के फाइनेंशियल की बात करें तो सिग्नेचर ग्लोबल की कुल आय वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 939.6 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष में 154.7 करोड़ रुपये थी. वित्त वर्ष 2020-21 के 246.65 करोड़ रुपये से पिछले वित्त वर्ष में कुल खर्च बढ़कर 1,076 करोड़ रुपये हो गया. सिग्नेचर ग्लोबल ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान 115.5 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया. पिछले वर्ष में इसका शुद्ध घाटा 86.27 करोड़ रुपये था.
(इनपुट-पीटीआई)