
केंद्रीय बैंक RBI ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली मॉनेटरी पॉलिसी में अहम फैसला लिया है. आरबीआई ने फिनटेक कंपनियों, पेमेंट कंपनियों को को सेंट्रलाइज्ड पेमेंट सिस्टम्स- RTGS और NEFT का हिस्सा बनने के लिए मंजूरी दे दी है. इसका मतलब यह हुआ कि अब डिजिटल पेमेंट कंपनियां भी आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए फंड ट्रांसफर की सुविधा दे सकेंगी. इसके अलावा सबसे बड़ी राहत केंद्रीय बैंक ने पेटीएम-फोनपे जैसे प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPIs) के लिए अकाउंट लिमिट को बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया है. पहले यह लिमिट 1 लाख रुपये थी. इससे पेटीएम और फोनपे यूजर्स को बड़ा फायदा मिलेगा. हालांकि यह फायदा उन्हीं को मिलेगा जिनकी KYC हो चुकी हो.
नॉन-बैंक पेमेंट सिस्टम्स को RTGS और NEFT से जुड़ने की मंजूरी
केंद्रीय बैंक आरबीआई ने सेंट्रलाइज्ड पेमेंट सिस्टम आरटीजीएस और एनईएफटी से नॉन-बैंक पेमेंट सिस्टम से जुड़ने की मंजूरी दे दी है. अब फिनटेक और पेमेंट कंपनियों के ग्राहक इनके जरिए फंड ट्रांसफर कर सकेंगे. इससे पहले यह सुविधा सिर्फ बैंकों और अपवादस्वरुप कुछ अन्य नॉन-बैंकों के ग्राहकों को ही मिलती थी. आरबीआई के इस प्रस्ताव से पीपीआईज, कार्ड नेटवर्क्स, वाइड लेवल एटीएम ऑपरेटर्स जैसे नॉन-बैंक पेमेंट सिस्टम भी केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित की जाने वाली आरटीजीएस और एनईएफटी की सदस्यता ले सकेंगे.
आरटीजीएस (रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) के जरिए 2 लाख रुपये से अधिक की रकम किसी भी समय यानी 24 घंटे ट्रांसफर की जा सकती है. इसके अलावा एनईएफटी (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर) के जरिए 2 लाख रुपये तक का फंड ट्रांसफर किया जा सकता है.
ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं
चालू वित्त वर्ष 2021-22 में आरबीआई ने अपनी पहली मौद्रिक नीतियों के एलान में ब्याज दरें अपरिवर्तित रखी हैं. रेपो रेट को 4 फीसदी पर स्थिर रखा गया है. इसके अलावा रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं हुआ और इसे 3.35 फीसदी बनाए रखा गया है. इससे पहले भी फरवरी में ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ था.
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