RBI on Adani: अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग की अडानी समूह के ऊपर आए रिपोर्ट के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) एक्शन में नजर आ रही है. बैंकिंग क्षेत्र के सूत्रों ने जानकारी दी है कि आरबीआई ने विभिन्न घरेलू बैंकों (Domestic Banks) से अदाणी समूह (Adani Group) में उनके इन्वेस्टमेंट और कर्ज बारे में जानकारी देने को कहा है. केंद्रीय बैंक ने यह निर्णय अदाणी समूह के शेयरों में जारी उठा-पटक के बाद लिया है.
अक्सर आरबीआई मांगता है बैंकों से कर्ज का ब्योरा
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी ग्रुप पिछले एक हफ्ते से मुश्किल हालात का सामना करना पड़ रहा है. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के फाइनेंशियल ऑपरेशन (Financial Operation) के बारे में कई आरोप लगाए हैं. हालांकि ग्रुप ने इस आरोप का खंडन किया है, लेकिन वह निवेशकों का भरोसा हासिल करने में सफल नहीं हो पाया. बैंकिंग सूत्रों ने कहा कि आरबीआई बैंकों द्वारा किसी को दिये गए मोटे कर्ज का ब्योरा नियमित रूप से लेता है.
Credit Suisse AG अब नहीं देगा अडानी को कर्ज?
एक दिन पहले यानी बुधवार को अडानी समूह ने शेयर की कीमतों में भारी गिरावट के बाद प्रमुख फर्म अडाणी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओके वापस ले लिया गया था. स्विटजरलैंड के लेंडर क्रेडिट स्विस Credit Suisse AG ने कल मार्जिन कर्ज देने के लिए अडाणी समूह की कंपनियों के बॉन्ड को गारंटी के रूप में स्वीकार करना बंद कर दिया.
अडानी के शेयरों में गिरावट जारी
Adani Enterprises के शेयरों में आज इंट्राडे में बड़ी गिरावट देखने को मिली. यह बुधवार के बंद भाव 2135 रुपये के मुकाबले 1815 रुपये तक (15%) कमजोर हुआ. 5 दिनों में यह करीब 40 फीसदी टूट गया है. 31 जनवरी को कंपनी का एफपीओ 112 फीसदी सब्सक्राइब होकर बंद हुआ था. नॉन इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए रिजर्व हिस्सा 3.32 गुना या 332 फीसदी सब्सक्राइब हुआ है. वहीं क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल के लिए रिजर्व हिस्सा 126 फीसदी तो रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व हिस्सा 12 फीसदी भरा.