Payment Aggregator License: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज (PPSL) को फिलहाल पेमेंट एग्रीगेटर का लाइसेंस नहीं दिया है. आरबीआई ने कंपनी को इस लाइसेंस के लिए फिर से अप्लाई करने को कहा है, जिसके लिए कंपनी को 120 दिन का समय दिया गया है. इस बात की जानकारी खुद कंपनी की ओर से शेयर मार्केट को दी गई. पेमेंट एग्रीगेटर एक ऐसा सर्विस प्रोवाइडर होता है, जो एक ही जगह पर सभी तरह के पेमेंट ऑप्शन उपलब्ध कराता है.
फिर करना होगा अप्लाई
ऑनलाइन पेमेंट्स की दिग्गज कंपनी Paytm सर्विसेज ने पेमेंट एग्रीगेटर के लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था. लेकिन आरबीआई ने पेटीएम को फिलहाल यह लाइसेंस देने की जगह उसे फिर से अप्लाई करने को कहा है. पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज को अब 120 दिनों के अंदर फिर से पेमेंट एग्रीगेटर के लिए एप्लिकेशन फॉर्म सबमिट करना होगा. अब तक रेजरपे, पाइन लैब्स और सीसीएवेन्यूज को पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी मिल चुकी है, जबकि बिलडेस्क (BillDesk) और पेयू (PayU) के एप्लिकेशन पर आरबीआई का फैसला आना अभी बाकी है.
दोबारा आवेदन के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं: पेटीएम
पेटीएम की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि आरबीआई ने पेमेंट एग्रीगेटर के लाइसेंस के लिए उसका एप्लीकेशन रिजेक्ट नहीं किया है. कंपनी के मुताबिक आरबीआई ने उन्हें 120 दिनों के भीतर फिर से आवेदन देने को कहा है. पेटीएम के मुताबिक उनकी तरफ से इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. कंपनी ने उम्मीद जताई है कि दोबारा अप्लाई करने के बाद उसके एप्लीकेशन को RBI की मंजूरी मिल जाने की पूरी उम्मीद है.
पेमेंट एग्रीगेटर के लिए जरूरी है लाइसेंस
पेमेंट एग्रीगेटर का काम कस्टमर्स से सभी पेमेंट ऑप्शन्स से पेमेंट हासिल कर उसे एक निश्चित समय के भीतर दुकानदार या ई-कॉमर्स वेबसाइट्स को ट्रांसफर करना होता है. आरबीआई ने मार्च 2020 में इस बारे में दिशानिर्देश जारी किए गए थे, जिनके मुताबिक सभी पेमेंट एग्रीगेटर के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया. आरबीआई के मुताबिक अब तक 185 से ज्यादा फिनेटक कंपनियों और स्टार्टअप्स ने इसके लिए आवेदन किया है.