कोरोना केस की भरमार से निजी अस्पतालों की कमाई 15-17% बढ़ने की उम्मीद, CRISIL ने चालू वित्त वर्ष के लिए लगाया अनुमान | The Financial Express

कोरोना केस की भरमार से निजी अस्पतालों की कमाई 15-17% बढ़ने की उम्मीद, CRISIL ने चालू वित्त वर्ष के लिए लगाया अनुमान

कोरोना केसेज में बढ़ोतरी के चलते निजी अस्पतालों में मरीज लगातार आते रहे यानी कि अकुपेंसी बहुत अधिक रही. इसके चलते चालू वित्त वर्ष 2021-22 में निजी अस्पतालों के रेवेन्यू में 15-17 फीसदी की ग्रोथ रह सकती है.

Private hospitals to log 15-17 percent revenue growth in FY22 on higher occupancy due to COVID surge says Crisil
पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के पहली तिमाही की बात करें तो अस्पतालों का परफॉरमेंस इलेक्टिव सर्जरी और प्रीवेंटिव हेल्थकेयर को पोस्टपोन किए जाने के चलते प्रभावित हुआ था.

कोरोना केसेज में बढ़ोतरी के चलते निजी अस्पतालों में मरीज लगातार आते रहे यानी कि अकुपेंसी बहुत अधिक रही. इसके चलते चालू वित्त वर्ष 2021-22 में निजी अस्पतालों के रेवेन्यू में 15-17 फीसदी की ग्रोथ रह सकती है. यह अनुमान रेटिंग एजेंसी Crisil ने शुक्रवार को लगाया है. क्रिसिल के मुताबिक ऑपरेटिंग मार्जिन में 1-2 फीसदी की रिकवरी होगी और यह 13-14 फीसदी हो जाएगा लेकिन फिर भी यह वित्त वर्ष 2020-21 के मार्क से कम रहेगा. ऐसा इसलिए होगा क्योंकि चालू वित्त वर्ष 2021-22 में कोरोना से जुड़े मामले ही निजी अस्पतालों में अधिक आए और क्रिसिल द्वारा जारी बयान के मुताबिक इसमें उन्हें मुनाफा कम है.

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FY22 में 65-70 फीसदी अकुपेंसी का अनुमान

चालू वित्त वर्ष 2021-22 के पहले महीने अप्रैल में दूसरी लहर आ गई. इसके बावजूद अस्पतालों में अकुपेंसी के मामले में पहली तिमाही सालाना आधार पर बेहतर रहेगी और यह लगभग दोगुना 75 फीसदी रहेगा. क्रिसिल रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर मनीष गुप्ता के मुताबिक अकुपेंसी में बढ़ोतरी की मुख्य वजह कोरोना केसेज में बढ़ोतरी रही जिसके चलते इलेक्टिव सर्जरी और आउटपेशेंट की संख्या में जो गिरावट हुई, वह गैप पूरा हो गया. गुप्ता के मुताबिक दूसरी तिमाही में कोरोना महामारी की दूसरी लहर धीमी पड़ जाएगी तो नॉन-कोविड ट्रीटमेंट्स में सुधार होगा और अकुपेंसी बढ़ेगी. क्रिसिल के अनुमान के मुताबिक पूरे वित्त वर्ष की बात करें तो पिछले वित्त वर्ष में 58 फीसदी के मुकाबले इस बार 65-70 फीसदी की अकुपेंसी रह सकती है जिससे रेवेन्यू बढ़ेगा.

FY21 की पहली तिमाही में प्रभावित हुआ था सेक्टर

पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के पहली तिमाही की बात करें तो अस्पतालों का परफॉरमेंस इलेक्टिव सर्जरी और प्रीवेंटिव हेल्थकेयर को पोस्टपोन किए जाने के चलते प्रभावित हुआ था. इस दोनों से अस्पतालों का 60 फीसदी रेवेन्यू आता है. इसके अलावा निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना ट्रीटमेंट पर रोक और ट्रैवल रिस्ट्रिक्शंस के चलते भी अस्पताल बुरी तरह प्रभावित हुए थे. हालांकि दूसरी तिमाही में स्थिति में कुछ सुधार हुआ और तीसरी तिमाही में इलेक्टिव सर्जरी और प्रीवेंटिव हेल्थकेयर में बढ़ोतरी हुई व अधिकतर निजी अस्पतालों में कोरोना ट्रीटमेंट को मंजूरी दी गई तो सेक्टर पूरी तरह पटरी पर लौट आया. इससे पूरे वित्त वर्ष 2020-21 का रेवेन्यू अधिक घट नहीं पाया और 12 फीसदी तक रह गया.

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First published on: 22-06-2021 at 16:06 IST

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