NEFT Fee: केंद्रीय बैंक आरबीआई (RBI) ने पेमेंट्स सिस्टम्स पर एक डिस्कशन पेपर में बैंक शाखाओं के जरिए होने वाले NEFT ट्रांजैक्शंस पर प्रोसेसिंग चार्ज लगाने का प्रस्ताव रखा है. आरबीआई के प्रस्ताव के मुताबिक दो लाख रुपये से अधिक की राशि के ट्रांजैक्शन पर 25 रुपये तक का शुल्क वहन करना पड़ सकता है. मौजूदा सिस्टम में आरबीआई सदस्य बैंकों से एनईएफटी ट्रांजैक्शन पर कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं वसूलता है. इसके अलावा अभी आरबीआई ने बैंकों को बचत खाता धारकों से ऑनलाइन एनईएफटी ट्रांजैक्शंस के लिए कोई चार्ज नहीं वसूलने को कहा है.
आरबीआई एनईएफटी सर्विस का मालिक है, इसे ऑपरेट करता है और रेगुलेट करता है. नियमों के मुताबिक केंद्रीय बैंक RBI एनईएफटी ट्रांजैक्शंस के लिए बैंकों से शुल्क वसूल सकता है. इस डिस्कशन पेपर में आईएमपीएस और आरटीजीएस ट्रांजैक्शंस के लिए कोई नया सुझाव नहीं दिया गया है.
बैंक ब्रांच के जरिए NEFT ट्रांजैक्शन पर इतने शुल्क की सिफारिश
बुधवार 17 अगस्त 2022 को जारी डिस्कशन पेपर में आरबीआई ने बैंक की शाखाओं के जरिए एनईएफटी ट्रांजैक्शन के लिए चार्जेज की सिफारिश किया है, जिसकी डिटेल्स नीचे दी जा रही है. इसमें अगर कोई टैक्स लगता है तो इस राशि में वह शामिल नहीं है.
- 10 हजार रुपये तक के ट्रांजैक्शन पर ढाई रुपये.
- 10 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक के ट्रांजैक्शन पर 5 रुपये.
- एक लाख से दो लाख रुपये तक के ट्रांजैक्शन पर 15 रुपये.
- दो लाख रुपये से अधिक के ट्रांजैक्शन पर 25 रुपये.
सदस्य बैंकों से आरबीआई ने पूछे तीन सवाल
आरबीआई ने इन चार्जेज को बैंक शाखाओं से ट्रांजैक्शन को पूरा करने के लिए बैंक के कामकाजी घंटे यानी मैन पॉवर और अतिरिक्त लागत के रूप में दिखाया है. आरबीआई के मुताबिक एनईएफटी ट्रांजैक्शन की प्रोसेसिंग के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने और इसे बनाए रखने में बैंक को कुछ लागत आती है जिसके चलते इस पर चार्जेज लगाने का प्रस्ताव रखा गया है. इसे लेकर आरबीआई ने सभी स्टेकहोल्डर्स से तीन सवालों पर उनसे प्रतिक्रिया मंगाया है.
- क्या आरबीआई को एनईएफटी के जरिए ट्रांजैक्शन पर सदस्य बैंकों से शुल्क वसूलना चाहिए?
- क्या बैंकों को ऑनलाइन या अन्य किसी भी तरीके से एनईएफटी ट्रांजैक्शन पर ग्राहकों से शुल्क वसूलने की मंजूरी होनी चाहिए?
- क्या ग्राहकों से बैंकों द्वारा एनईएफटी ट्रांजैक्शन के लिए वसूले जाने वाले चार्ज को आरबीआई द्वारा तय किया जाना चाहिए या इस चार्ज को बाजार के हवाले कर देना चाहिए?