Moody’s on Adani: मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस (Moody’s Investors Service) अडानी ग्रुप (Adani Group) को लेकर सख्त हो गई है. ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट सामने आने के बाद मूडीज की नजर अडानी ग्रुप के फाइनेंशियल फ्लेक्सिबिलिटी पर है. इन्वेस्टर्स सर्विस ने शुक्रवार को कहा कि वह अडानी ग्रुप के स्टॉक मूल्यों में जारी गिरावट को देखते हुए कंपनी की नगदी की स्थिति का भी आकलन कर रही है.
मूडीज ने क्या कहा?
मूडीज ने 3 फरवरी को कहा कि जारी घटनाओं की वजह से अडानी ग्रुप की इन्वेस्टमेंट या अगले एक-दो साल में मैच्योर हो रहे कर्ज को चुकाने की उनकी क्षमता में कमी आएगी. मूडीज ने कहा कि अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (Adani Ports and Special Economic Zone), अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy Limited), और अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड (Adani Transmission Limited) के लिए उनकी रेटिंग कंपनी के कैशफ्लो और मार्केट में उसकी स्तिथि पर आधारित है.
कल SBI ने बैंकों से मांगा था ब्यौरा
अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग के अडानी ग्रुप पर रिपोर्ट के बाद कल भारतीय भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) हरकत में आया. बैंकिंग क्षेत्र के सूत्रों ने जानकारी दी है कि आरबीआई ने विभिन्न घरेलू बैंकों (Domestic Banks) से अदाणी समूह (Adani Group) में उनके इन्वेस्टमेंट और कर्ज बारे में जानकारी देने को कहा है. केंद्रीय बैंक ने यह निर्णय अदाणी समूह के शेयरों में जारी उठा-पटक के बाद लिया.
विपक्ष भी हुआ हमलावर
अडानी मामले को लेकर रेटिंग एजेंसियों में ही संशय नहीं हैं बल्कि देश के सभी विपक्षी दल भी संसद में इस विषय पर चर्चा करने की मांग कर रहे हैं. विपक्ष ने पूरे मामले की जांच साझा संसदीय समिति (JPC) या सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की निगरानी में कराने की मांग कर रही है. सदन में आज दोनों दिन अडानी का मुद्दा गरमाया रहा और दोनों दिन संसद में कामकाज ठप्प रहा. विपक्ष आरोप लगा रहा है कि लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) समेत देश की जिन सरकारी वित्तीय संस्थाओं और बैंकों ने अडानी ग्रुप में निवेश किया है या ग्रुप की कंपनियों को कर्ज दिए हैं, उनकी पूंजी अब खतरे में है.