
Mentha Oil Prices Today: मेंथा ऑयल में गुरूवार को दबाव देखने को मिल रहा है. आज मेंथा में गिरावट है और यह 952.80 रुपये प्रति किलो के भाव पर ट्रेड कर रहा है. इसके पहले बुधवार को मेंथा में करीब 0.34 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी और यह 953.9 रुपये प्रति किलो के भाव पर सेटल हुआ था. मंगलवार को मेंथा में करीब 1 फीसदी की तेजी देखने को मिली थी और यह 957.2 रुपये प्रति किलो के भाव पर सेटल हुआ था. एक्सपर्ट का कहना है कि मेंथा के सेंटीमेंट अभी कमजोर हैं, इसलिए जरा भी तेजी आने पर इसमें बिकवाली आ जा रही है. हाल फिलहाल में मेंथा में ज्यादा तेजी की उम्मीद भी नहीं है. पैदावार ज्यादा रहने की उम्मीद से निवेशक इंतजार के मूड में हैं. शॉर्ट टर्म की बात करें तो मेंथा में कुछ और तेजी आए तो मुनाफा वसूली कर सकते हैं.
पिछले दिनों मेंथा की चाल
बुधवार को मेंथा में करीब 0.34 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी और यह 953.9 रुपये प्रति किलो के भाव पर सेटल हुआ था. मंगलवार को मेंथा में करीब 1 फीसदी की तेजी देखने को मिली थी और यह 957.2 रुपये प्रति किलो के भाव पर सेटल हुआ था. सोमवार को मेंथा 0.37 फीसदी गिरावट के साथ 948.50 रुपये प्रति किलो के भाव पर सेटल हुआ था. बीते हफ्ते शुक्रवार को मेंथा 0.04 फीसदी की मामूली तेजी के साथ 952 रुपये प्रति किलो के भाव पर सेटल हुआ था.गुरूवार को मेंथा 0.05 फीसदी की मामूली तेजी के साथ 951.6 रुपये प्रति किलो पर सेटल हुआ था.
मेंथा में कैसे बनाएं स्ट्रैटेजी
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार आज की बात करें तो मेंथा में 952.6 रुपये प्रति किलो के भाव पर सपोर्ट है. यह लेवल टूटा तो मेंथा 951.2 रुपये तक का भाव देख सकता है. वहीं उपर की ओर मेंथा में 955.3 रुपये का रेजिस्टेंस लेवल है. यह लेवल टूटने पर मेंथा 956.6 रुपये प्रति लीटर तक मजबूत हो सकता है. उनका कहना है कि शॉर्ट टर्म की बात करें तो तेजी आने पर मुनाफा वसूली करनी चाहिए. मेंथा अगर 960 रुपये के आस पास आए तो 935 रुपये का लक्ष्य बनाकर बिकवाली करनी चाहिए.
मेंथा का इंडस्ट्रियल इस्तेमाल
मेंथा ऑयल का इस्तेमाल फार्मा इंडस्ट्री, कास्मेटिक इंडस्ट्री, एफएमसीजी सेक्टर के साथ ही कंफेक्शनरी उत्पादों में सबसे ज्यादा होता है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा मेंथा ऑयल उत्पादक और निर्यातक है. मेंथा ऑयल की सबसे ज्यादा पैदावार यूपी में होती है. देश में होने वाले कुल मेंथा ऑयल के उत्पादन में यूपी की हिस्सेदारी करीब 80 फीसदी है.
पिछले सीजन में मेंथा ऑयल का उत्पादन काफी ज्यादा रहा था. बाजार सूत्रों के अनुसार इस साल पैदावार 40 फीसदी ज्यादा रहकर 52,000-56,000 टन के बीच रह सकती है. इस वजह से मेंथा की उपलब्धता बहुत ज्यादा रही और कीमतों में ज्यादा तेजी नहीं आ सकी. देश में पैदा होने वाला लगभग 75 फीसदी मेंथा ऑयल का निर्यात किया जाता है. इसलिए घरेलू से ज्यादा विदेशी मांग कीमतों को तय करने में बड़ी भूमिका निभाती है.
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