
Mentha Oil Prices Today: मेंथा ऑयल में गिरावट का सिलसिला जारी है. इस सप्ताह लगातार 5वें दिन मेंथा की कीमतों पर दबाव देखने को मिल रहा है. शुक्रवार 22 जनवरी को मेंथा 3 रुपये से ज्यादा कमजोर होकर 956 रुपये के आस पास पहुंच गया. इसके पहले गुरूवार को भी मेंथा 0.19 फीसदी कमजोर होकर 971.1 रुपये प्रति किलो के भाव पर सेटल हुआ था. वहीं, बुधवार को मेंथा में 1 फीसदी से ज्यादा कमजोरी रही है और यह 962 रुपये प्रति किलो के भाव पर सेटल हुआ था. जनवरी के शुरूआत में मेंथा ने 1010 रुपये का भाव पार किया था, जिसके बाद से इसमें बिकवाली बनी हुई है. एक्सपर्ट का कहना है कि इंडस्ट्रियल डिमांड उम्मीद से कमजोर है. हाजिर बाजार में डिमांड नहीं आ रही है, ऐसे में ट्रेडर्स भी फ्रेश पोजिशन लेने से बचे रहे हैं. मेंथा का मौजूदा भाव लंबी अवधि के लिए आकर्षक है.
पिछले दिनों मेंथा की चाल
गुरूवार को मेंथा 0.19 फीसदी कमजोर होकर 971.1 रुपये प्रति किलो के भाव पर सेटल हुआ था. बुधवार को मेंथा में 1 फीसदी से ज्यादा कमजोरी रही है और यह 962 रुपये प्रति किलो के भाव पर सेटल हुआ था. मंगलवार को मेंथा करीब 0;60 फीसदी कमजोर होकर 972.1 रुपये प्रति किलो पर बंद हुआ था. सोमवार को मेंथा करीब 1 फीसदी टूटकर 977.8 रुपये प्रति किलो के भाव पर बंद हुआ था. बीते सप्ताह शुक्रवार को मेंथा में 0.8 फीसदी की गिरावट रही थी और यह 986.9 रुपये प्रति किलो के भाव पर बंद हुआ था. जबकि गुरूवार को मेंथा 0.13 फीसदी की तेजी के साथ 994.8 रुपये प्रति किलो पर सेटल हुआ था.
मेंथा में कैसे करें ट्रेडिंग
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार अभी मेंथा में अच्छी खासी गिरावट आ चुकी है. यह भाव लंबी अवधि और शॉर्ट टर्म के लिए आकर्षक दिख रहा है. आगे हाजिर बाजार में मांग रिकवर होने से मेंथा तेजी दिखा सकता है. मेंथा में 955 से 960 रुपये के भाव पर खरीददारी की जा सकती है. इसके लिए अगले 2 से 3 दिन के लिए 970 से 975 रुपये का लक्ष्य लेकर चलें. मेंथा को नीचे की ओर अभी 950 के आस पास सपोर्ट को नीचे की ओर 958 रुपये पर सपोर्ट है. यह भावदिख रहा है.
मेंथा की इंडस्ट्रियल डिमांड
मेंथा ऑयल का इस्तेमाल फार्मा इंडस्ट्री, कास्मेटिक इंडस्ट्री, एफएमसीजी सेक्टर के साथ ही कंफेक्शनरी उत्पादों में सबसे ज्यादा होता है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा मेंथा ऑयल उत्पादक और निर्यातक है. मेंथा ऑयल की सबसे ज्यादा पैदावार यूपी में होती है. देश में होने वाले कुल मेंथा ऑयल के उत्पादन में यूपी की हिस्सेदारी करीब 80 फीसदी है.
पिछले सीजन में मेंथा ऑयल का उत्पादन काफी ज्यादा रहा था. बाजार सूत्रों के अनुसार इस साल पैदावार 40 फीसदी ज्यादा रहकर 52,000-56,000 टन के बीच रह सकती है. इस वजह से मेंथा की उपलब्धता बहुत ज्यादा रही और कीमतों में ज्यादा तेजी नहीं आ सकी. देश में पैदा होने वाला लगभग 75 फीसदी मेंथा ऑयल का निर्यात किया जाता है. इसलिए घरेलू से ज्यादा विदेशी मांग कीमतों को तय करने में बड़ी भूमिका निभाती है.
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