
Mentha Oil Price Today: मेंथा आयल अगस्त वायदा में 2 दिन की बिकवाली के बाद आज फिर तेजी देखने को मिल रही है. मेंथा आज के कारोबार में 5 रुपये मजबूत होकर 983.2 रुपये प्रति किलो के भाव पर ट्रेड कर रहा है. इसके पहले गुरूवार को यह 0.36 फीसदी कमजोर होकर 978 रुपये प्रति किलो पर सेटल हुआ. बुधवार को इसमें करीब 0.8 फीसदी गिरावट रही थी. एक्सपर्ट का कहना है कि हाजिर बाजार में मांग बढ़ने से आज मेंथा में फिर तेजी देखने को मिल रही है. उनका कहना है कि शॉर्ट टर्म में कुछ और तेजी आ सकती है, क्योंकि इस सीजन में ज्यादातर फसलों की आवक बाजार में हो चुकी है. ऐसे में गिरावट पर आने पर खरीददारी की जा सकती है. लेकिन लंबी अवधि में ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं है.
पिछले दिनों मेंथा की कैसी रही चाल
गुरूवार को मेंथा 0.36 फीसदी कमजोर होकर 978 रुपये प्रति किलो पर सेटल हुआ. बुधवार को मेंथा करीब 0.8 फीसदी गिरावट के साथ 981.5 रुपये पर बंद हुआ. मंगलवार को मेंथा 0.67 फीसदी बढ़त के साथ 989.3 रुपये प्रति किलो के भाव पर सेटल हुआ. सोमवार को मेंथा में 0.82 फीसदी की तेजी रही है और यह 982.7 रुपये प्रति किलो के भाव पर बंद हुआ था. शुक्रवार को मेंथा में 0.34 फीसदी तेजी है और यह 974.7 रुपये प्रति किलो के भाव पर बंद हुआ था. गुरूवार को मेंथा 1.76 फीसदी बढ़कर 971.4 रुपये के भाव पर बंद हुआ था. बुधवार को मेंथा 0.95 फीसदी मजबूत होकर 954.6 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था.
मेंथा में कैसे करें ट्रेडिंग
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि आज की बात करें तो मेंथा को 969.1 रुपये पर सपोर्ट है. अगर यह लेवल ब्रेक होता है तो मेंथा पहले 960.2 रुपये और फिर 949.8 रुपये प्रति किलो के भाव पर आ सकता है. वहीं उपर की ओर मेंथा को 988.4 रुपये पर रेजिस्टेंस है. यह लेवल ब्रेक होने पर मेंथा 998.8 रुपये और फिर 1007.7 रुपये तक पहुंच सकता है. आज की बात करें तो मेंथा में अगर गिरावट आती है तो 1000 रुपये का लक्ष्य बनाकर खरीददारी कर सकते हैं.
कहां कहां होता है मेंथा का इस्तेमाल
मेंथा ऑयल का इस्तेमाल फार्मा इंडस्ट्री, कास्मेटिक इंडस्ट्री, एफएमसीजी सेक्टर के साथ ही कंफेक्शनरी उत्पादों में सबसे ज्यादा होता है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा मेंथा ऑयल उत्पादक और निर्यातक है. मेंथा ऑयल की सबसे ज्यादा पैदावार यूपी में होती है. देश में होने वाले कुल मेंथा ऑयल के उत्पादन में यूपी की हिस्सेदारी करीब 80 फीसदी है.
पिछले सीजन में मेंथा ऑयल का उत्पादन काफी ज्यादा रहा था. बाजार सूत्रों के अनुसार इस साल पैदावार 40 फीसदी ज्यादा रहकर 52,000-56,000 टन के बीच रह सकती है. इस वजह से मेंथा की उपलब्धता बहुत ज्यादा रही और कीमतों में ज्यादा तेजी नहीं आ सकी. देश में पैदा होने वाला लगभग 75 फीसदी मेंथा ऑयल का निर्यात किया जाता है. इसलिए घरेलू से ज्यादा विदेशी मांग कीमतों को तय करने में बड़ी भूमिका निभाती है.
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