Market Outlook: वैश्विक फंड मैनेजरों का भरोसा अभी भी इक्विटी पर बना हुआ है और एसेट क्लास में अधिकतम हिस्सा इक्विटी का रख रहे हैं. यह खुलासा बैंक ऑफ अमेरिका (BofA) के ग्लोबल फंड मैनेजर सर्वे में हुआ है. बोफा के इस मासिक सर्वे में 329 सीआईओज, पोर्टफोलियो मैनेजर्स और इक्विटी स्ट्रेटजिस्ट्स को शामिल किया गया था और इसमें पाया गया कि दुनिया भर के निवेशक ग्लोबल इंफ्लेशन को अस्थाई मान रहे हैं.
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अनुमानों से पहले ही अपनी नीतियों को सख्त करने के संकेत दिए हैं, इसके बावजूद फंड मैनेजर्स पोर्टफोलियो में इक्विटी का हिस्सा अधिक रख रहे हैं. हालांकि उनका भरोसा अब बैंकों और कमोडिटीज की तरफ अधिक बढ़ा है और तकनीकी शेयरों का एलोकेशन दिसंबर 2008 के बाद के निचले स्तर पर है.
स्टॉक को लेकर बुलिश हैं फंड मैनेजर्स
बोफा के सर्वे के मुताबिक करीब 55 फीसदी फंड मैनेजर्स इक्विटी को ओवरवेट रख रहे हैं. भौगोलिक स्तर पर यानी क्षेत्रवार बात करें तो करीब 35 फीसदी यूरोजोन इक्विटी पर और 5 फीसदी यूएस स्टॉक्स पर ओवरवेट हैं. विकासशील देशों और ब्रिटिश स्टॉक्स पर उनका भरोसा कम है यानी कि अंडरवेट पोजिशंस है. सेक्टरवाइज बात करें तो पिछले महीने बैंकिंग शेयरों की हिस्सेदारी 21 फीसदी थी जो अब बढ़कर 41 फीसदी हो गई है यानी दोगुनी. इसके अलावा कमोडिटीज शेयरों की हिस्सेदारी भी पिछले महीने की तुलना में 12 फीसदी की उछाल के साथ 31 फीसदी के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गए. सर्वे में दिलचस्प बात यह सामने आई कि अब निवेशकों का भरोसा तकनीकी शेयरों पर कम हो रहा है क्योंकि अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी ने उन्हें चिंतित कर दिया है.
दरों में बढ़ोतरी सबसे बड़ा रिस्क
पिछले कुछ महीनों से वैश्विक फंड मैनेजर्स इंफ्लेशन को बड़े खतरे के रूप में देख रहे थे लेकिन अब इसे अस्थाई मान रहे हैं. सर्वे में शामिल 56 फीसदी इंवेस्टमेंट प्रोफेशनल्स का मानना है कि यह अस्थाई है जबकि 36 फीसदी इसे अस्थाई मान रहे हैं. निवेशकों का मानना है कि अब केंद्रीय बैंकों द्वारा दरों में बढ़ोतरी ही सबसे बड़ा रिस्क है, बोफा के सर्वे में शामिल अधिकतर फंड मैनेजरों का मानना है कि अमेरिकी फेड इंफ्लेशन से निपटने के लिए आगे आएगा और इस साल अप्रैल के मध्य तक ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है. निवेशकों का अनुमान है कि इस साल के आखिरी तक तीन बार दरों में बढ़ोतरी हो सकती है.
(आर्टिकल: क्षितिज भार्गव)