Should SBI, LIC Investors Alert on Adani Controversy: अडानी ग्रुप शेयरों में गिरावट का सिलसिला थम नहीं रहा है. लगातार 7 दिन से चल रही गिरावट के बीच अडानी ग्रुप कंपनियों के मार्केट कैप में 10 लाख करोड़ की कमी आ चुकी है. इन अडानी की कंपनियों में एलआईसी ने निवेश किया है तो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इन्हें कर्ज दिया है. ऐसे में एसबीआई और एलआईसी में पैसा लगाने वाले निवेशकों के मन में भी डर बैठ रहा है. क्या उनके निवेश पर भी इस घटना का असर होगा. हालांकि बैंकिंग एक्सपर्ट निवेशकों को धैर्य रखने की सलाह दे रहे हैं. उनका कहना है कि फिलहाल डिपॉजिटर्स या निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है.
बता दें कि हिंडनबर्ग की निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद से ही निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं. वहीं NSE ने ग्रुप की 3 कंपनियों को एडिशनल सर्विलांस मार्जिन फ्रेमवर्क (ASM) यानि एएसएम में डाल दिया है. वहीं Dow Jones ने अडानी एंटरप्राइजेज को अपने सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स से बाहर करने का एलान किया है. वहीं कुछ फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियों ने अडानी ग्रुप के बॉन्ड की रेटिंग भी घटाई है.
क्या कहना है बैंकिंग एक्सपर्ट का
पंजाब एंड सिंध बैंक के पूर्व ईडी जीएस बिंद्रा का कहना है कि बैंक में डिपॉजिट करने वालों को घबराने जैसी कोई स्थिति नहीं है. अडानी ग्रुप में सरकारी बैंक या एलआईसी जैसी संस्था का पैसा लगा है. इसलिए अगर स्थिति बिगड़ती भी है तो सरकार इसमें दखल जरूर करेगी. वैसे भी बैंकों में निवेशकों के 5 लाख रुपये तक जमा पर सुरक्षा की गारंटी है. तो जिनका 5 लाख या इससे कम पैसा बैंक में हैं, उन्हें टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है. 5 लाख रुपये उनके इंश्योर्ड हैं. उन्होंने यह भी ध्यान दिलाया कि एसबीआई और एलआईसी भी न घबराने की बात कह चुके हैं.
असल में भारतीय रिजर्व बैंक की डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन आम लोगों को बैंक में जमा राशि पर बीमा सुरक्षा की गारंटी देता है. यदि कोई बैंक घाटे में भी जाता है या विफल हो जाता है तो लोगों की 5 लाख रुपये तक की जमा एकदम सुरक्षित रहती है.
एसबीआई: गिरावट के बाद शेयर में निवेश का मौका
Swastika Investmart Ltd. के रिसर्च हेड संतोष मीना का कहना है कि एसबीआई समेत सभी पीएसयू बैंक अच्छी कमाई कर रहे हैं, लेकिन अच्छी कमाई के बाद भी उनमें मुनाफावसूली देखने को मिल रही है. अडानी ग्रुप के साथ निगेटिव रिपोर्ट के चलते एसबीआई के शेयर में पहले से ही अच्छा खासा करेक्शन आ चुका है, इसलिए, अभी यह लंबी अवधि के निवेशकों के लिए रिस्क रिवार्ड फेवरेबल है. एसबीआई के अच्छे नतीजे आने की संभावना है. वहीं बैंकों ने पहले ही साफ कर दिया है कि उनका अडानी ग्रुप में बहुत ज्यादा एक्सपोजर नहीं है. इसलिए हालिया गिरारवट के बाद एसबीआई समेत कई पीएसयू बैंक स्टॉक निवेश के लिए आकर्षक दिख रहे हैं. इनमें एसबीआई, बैंक बड़ौदा और केनरा बैंक शामिल हैं.
नहीं फेल हो सकते SBI और LIC?
एसबीआई, भारतीय रिजर्व बैंक की ‘टू बिग टू फेल’ बैंकों की लिस्ट में है. यानी एसबीआई इतना बड़ा है कि वो फेल ही नहीं हो सकता है. इसी तरह से एलआईसी कैश रिच वित्तीय संस्थान है, जो कई बड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है. एलआईसी के पास 21,000 करोड़ रुपये से अधिक फंड ऐसा है, जिसका कोई क्लेम ही नहीं करता है. वैसे भी अडानी ग्रुप में इन्वेस्टमेंट, एलआईसी के कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट का एक बेहद छोटा हिस्सा है.
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LIC और SBI का अडानी ग्रुप में निवेश
अडानी ग्रुप की कंपनियों को SBI समेत देश के कई बैंकों ने 81,200 करोड़ रुपये का लोन दिया हुआ है. भारतीय स्टेट बैंक ने जानकारी देते हुए रिजर्व बैंक को बताया है कि अडानी समूह को बैंक की ओर से 23000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है. वहीं वहीं पंजाब नेशनल बैंक की ओर से बताया गया है कि अडानी समूह को 7000 करोड़ रुपये का कर्ज प्रदान किया गया है.
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने अडानी ग्रुप के बॉन्ड और इक्विटी में 36,474.78 करोड़ रुपये निवेश किया है. हिंडनबर्ग की करपोर्ट के पहले इस निवेश की वैल्यू डबल 77000 करोड़ थी.
RBI लिमिट में दिया गया लोन: SBI
एसबीआई के चेयरमैन की ओर से कहा गया है कि अडानी ग्रुप को दिए गए लोन को लेकर लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. बैंक ने ग्रुप को जो लोन दिया है, वह आरबीआई की सीमा के अनुरूप है. इतना ही नहीं बैंक का लोन कैश जेनरेटिंग एसेट और पर्याप्त एस्क्रो मैनेजमेंट के साथ दिया गया है. देता है.