Inox Green IPO : आइनॉक्स विंड (Inox Wind) की सब्सिडियरी आइनॉक्स ग्रीन एनर्जी सर्विसेज (Inox Green Energy Services) ने अपने 740 करोड़ रुपये के आईपीओ यानी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के लिए 61-65 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है. कंपनी ने यह जानकारी बीएसई को भेजी सूचना में दी है. यह आईपीओ 11 नवंबर को खुलकर 15 नवंबर को बंद होगा. एंकर निवेशक शेयरों के लिए 10 नवंबर को बोली लगा सकेंगे.
OFS में प्रमोटर बेचेंगे 370 करोड़ रुपये के शेयर
ड्रॉफ्ट पेपर्स के मुताबिक आईपीओ में 370 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किये जायेंगे, जबकि प्रमोटर कंपनी आइनॉक्स विंड 370 करोड़ रुपये के शेयर ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत बेचेगी. इसके अलावा कंपनी प्री-आईपीओ प्लेसमेंट पर भी विचार कर सकती है. अगर ये प्लेसमेंट पूरा होता है, तो फ्रेश इश्यू का साइज घट जाएगा. आइनॉक्स ग्रीन एनर्जी सर्विसेज ने 20 जून को सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी (SEBI) के पास आईपीओ के लिए ड्राफ्ट डॉक्युमेंट फाइल किए थे. मार्केट रेगुलेटर की तरफ से 13 सितंबर को इस पर ‘ऑब्जर्वेशन लेटर जारी किया गया था. किसी भी कंपनी का आईपीओ लाने के लिए सेबी का ऑब्जर्वेशन लेटर हासिल करना जरूरी होता है.
ड्राफ्ट पेपर्स के मुताबिक फ्रेश इश्यू से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल कर्ज के भुगतान और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा. आइनॉक्स ग्रीन एनर्जी सर्विसेज विंड फार्म प्रोजेक्ट (Wind Farm Projects) के लिए लंबी अवधि के ऑपरेशन और मेंटनेंस (O&M) सर्विस मुहैया कराने के बिजनेस में लगी हुई है. ये कंपनी मुख्य रूप से विंड टरबाइन जनरेटर और विंड फार्म पर सामान्य इंफ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटी देने के लिए काम करती है. कंपनी ने फरवरी 2022 में भी आईपीओ के लिए सेबी के पास डीआरएचपी यानी ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल किया था. हालांकि अप्रैल 2022 में बिना कोई कारण बताए इस ड्राफ्ट डॉक्यूमेंट वापस कर दिया गया था.
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क्या है IPO
IPO मार्केट से फंड जुटाने के लिए किसी प्राइवेट कंपनी द्वारा लाया जाता है. यह एक प्राइवेट कंपनी को पब्लिक कंपनी में बदलने की प्रक्रिया है. जब कंपनियों को पैसे की जरूरत होती है तो ये शेयर बाजार में खुद को लिस्ट कराती हैं. आईपीओ के ज़रिए मिले फंड को कंपनी अपनी जरूरत के हिसाब से खर्च करती है. इस फंड का इस्तेमाल कर्ज चुकाने या कंपनी की तरक्की आदि में किया जा सकता है. स्टॉक एक्सचेंजों पर शेयरों की लिस्टिंग से कंपनी को अपने मूल्य का उचित वैल्यूएशन प्राप्त करने में मदद मिलती है.
(इनपुट : भाषा/पीटीआई)