
इंडसइंड बैंक के शेयरों में आज 20 फीसदी की बड़ी गिरावट आई और इसमें लोअर सर्किट लग गया. शेयर 329 रुपये के भाव तक कमजोर हुआ. बैंक ने यह जानकारी दी है कि उसके कुल डिपॉजिट में 10 से 11 फीसद की कमी आई है. इसके बाद से निवेशकों ने अचानक से बिकवाली की. इंडसइंड बैंक में इस पूरे साल ही उिपूजिट ग्रोथ को लेकर चिंता बनी रही है. यस बैंक संकट के बाद ऐसी चर्चाएं हावी रहीं कि इंडसइंड बैंक जैसे छोटे निजी बैंकों से लोग अपनी जमा पूंजी निकाल सकते हैं. जिससे इस साल अबतक शेयर में करीब 1180 अंकों या 80 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. हालांकि एक्सपर्ट को उम्मीद है कि नए मैनेजमेंट का पूरा फोकस एग्रेसिव तरीके से डिपॉजिट ग्रोथ बढ़ाने पर है, जिससे शेयर एक बार फिर बाउंस बैक करेगा.
शेयर में क्यों आ रही है गिरावट
यस बैंक का संकट सामने आने के बाद से ही इंडसइंड बैंक के डिपॉजिट ग्रोथ को लेकर चिंता बढ़ गई. गवर्नमेंट से जुड़े अकाउंट में इसके बाद से करीब 75 फीसदी तक कमी आई है. छोटे
ग्राहक भी पूंजी निकाल रहे हैं. बैंक में कुल जमा में छोटे अकाउंट की हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी है. इसके अलावा किसी तरह की परेशानी से बचने के लिए कॉरपोरेट डिपॉजिट में भी कमी आई है. इस तरह से बैंक का कुल डिपॉजिट करीब 11 फीसदी तक कम हो गया.
प्रीमेच्योर निकासी
पिछले दिनों डिपॉजिट ग्रोथ को लेकर चिंता इतनी बढ़ गई कि बैंक के होलसेल अकाउंट से कई प्रीमेच्योर निकासी भी देखने को मिली है. बैंक का मानना है कि एक तो यह बड़ी वजह रही, दूसरा कोरोना वायरस की वजह से भी इंडसइंड बैंक के शेयरों की जमकर पिटाई हुई है. शेयर इस साल करीब 80 फीसदी तक कमजोर 329 रुपये के भाव पर आ गया.
NPA और हायर प्रोविजनिंग की भी चिंता
तीसरी तिमाही के दौरान तिमाही आधार पर बैंक का ग्रॉस एनपीए 2.18 फीसदी रहा है. वहीं, सालाना आधार पर देखें तो यह एक साल पहले की समान अवधि में 1.13 फीसदी रहा था. इस दौरान बैंक का शुद्ध एनपीए 1.05 फीसदी पहुंच गया. हालांकि एक साल पहले की समान तिमाही में 0.59 फीसदी था. रुपये में इंडसइंड बैंक का ग्रॉस एनपीए 4,578 करोड़, नेट एनपीए 2,173 करोड़ रुपये रहा है.
तिमाही आधार पर तीसरी तिमाही में बैंक की प्रोविजनिंग 737.7 करोड़ रुपये से बढ़कर 1043.4 करोड़ रुपये रही है. जबकि पिछले साल की तीसरी तिमाही में इंडसइंड बैंक की प्रोविजनिंग 606.7 करोड़ रुपये रही थी. यानी सालाना आधार पर इसमें 72 फीसदी का इजाफा हुआ है.
शेयर क्यों कर सकता है बाउंसबैक
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि ओवरआल डिपॉजिट में कमी आई है, लेकिन रिटेल में स्टेबल ट्रेंड दिख रहा है. व्हीकल फाइनेंस पोर्टफोलियो भी मजबूत है. 70 फीसदी तो दोबार आने वाले कस्टमर हैं. ज्यादातर कस्टमर स्माल रोड ट्रांसपोर्ट से जुड़े हैं, जिनके पास 3 से 10 व्हीकल हैं. ब्रोकरेज हाउस ने FY20 और FY21 में अर्निंग अनुमान में 13 फीसदी और 22 फीसदी की कटौती की है और शेयर का टारगेट प्राइस कम करके 800 रुपये कर दिया है. हालांकि शेयर में खरीद की सलाह है. ब्रोकरेज के अनुसार निचले स्तरों से शेयर में अच्छा बाउंस बैक देखने को मिलेगा.
ब्रोकरेज हाउस एमके ग्लोबल के अनुसार भी बैंक का फोकस अब रिटेल डिपॉजिट पर है. इसके लिए मैनजमेंट ब्रांच की संख्या बढ़ाने पर काम कर रहा है. हालांकि इन सबमें स्टेबिलिटी आने में कुछ समय लग जाएगा. ब्रोकरेज का कहना है कि नियर टर्म की बात करें तो एसेट क्वालिटी को लेकर चिंता बनी रहेगी, जिससे शेयर पर दबाव दिखेगा. लेकिन मैनेजमेंट की लांग टर्म स्ट्रैटेजी से यह दबाव कम होगा. शेयर आगे फिर 630 रुपये तक का भाव छू सकता है.
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