सरकारी तेल उत्पादक कंपनियां ओएनजीसी (ONGC) और ऑयल इंडिया (Oil India) अब सीधे निजी कंपनियों को कच्चा तेल बेच सकेंगी. केंद्र सरकार के कैबिनेट ने आज (29 जून) इससे जुड़ी योजना को मंजूरी दे दी है. सरकार के इस फैसले से ओएनजीसी और ऑयल इंडिया को रेवेन्यू बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. हालांकि सरकार ने निर्यात को मंजूरी नहीं दी है. सरकारी तेल उत्पादक ओएनजीसी और ऑयल इंडिया जो उत्पादन करती हैं, उसे सरकार सभी रिफाइनरियों को आवंटित करती हैं. ये दोनों कंपनियों हर ग्रेड के क्रूड के लिए एक ही फ्लैट रेट चार्ज करती है.
यह फैसला 1 अक्टूबर से होगा प्रभावी
ओएनजीसी और ऑयल इंडिया को सीधे निजी कंपनियों को तेल की बिक्री करने का केंद्रीय कैबिनेट का फैसला एक अक्टूबर से प्रभावी होगा. इसके अलावा सरकारी तेल कंपनियों को भी तेल की बिक्री से जुड़े नियमों से भी राहत दी गई है. पिछले कुछ वर्षों से देश का तेल उत्पादन लगभग स्थिर रहा है जिसके चलते इसे महंगे आयात पर निर्भर रहना पड़ा है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा आयातक है और अपनी जरूरत का 85 फीसदी कच्चा तेल विदेशों से खरीदती है. वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने 2.97 करोड़ टन तेल का उत्पादन किया था जो वित्त वर्ष 2020-21 के मुकाबले 2.6 फीसदी कम है.
ऐलान पर उछले शेयर
सरकार के ऐलान के बाद ऑयल इंडिया और ओएनजीसी के शेयर उछल गए. ऑयल इंडिया के शेयर आज 4.8 फीसदी और ओएनजीसी के शेयर करीब 3.2 फीसदी उछलकर बंद हुए.
(Input- Reuters)