
वित्त मंत्रालय ने कारोबारी इकाइयों को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लागू होने के पहले वर्ष 2017-18 के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का क्लेम मार्च 2019 तक करने की अनुमति दे दी है. हालांकि, इसमें शर्त रखी गई है कि उनका दावा सप्लायर की ओर से दाखिल रिटर्न से मेल खाना चाहिए.
GST व्यवस्था एक जुलाई 2017 को लागू हुई थी. इस लिहाज से जुलाई 2017 से मार्च 2018 इसका पहला वर्ष रहा. इसके लिए इनपुट क्रेडिट का दावा करने की समयसीमा 25 अक्तूबर 2018 को समाप्त हो गई थी.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने गजट नोटिफिकेशन के जरिए जारी आदेश में कहा कि जीएसटी लागू होने के पहले वर्ष के लिए मार्च 2019 तक आईटीसी का दावा किया जा सकता है.
सीबीआईसी ने इकाइयों को जुलाई 2017-मार्च 2018 के लिए अंतिम बिक्री रिटर्न या जीएसटीआर-1 दाखिल करने में हुई किसी भी तरह त्रुटि या चूक को ठीक करने की भी अनुमति दी है. जनवरी- मार्च 2019 की रिटर्न में कारोबारी इसे ठीक कर सकते हैं.
टैक्स एक्सपर्ट ने कहा कि इससे पहले चालान होने, टैक्स भुगतान और रिटर्न दाखिल होने पर ही कारोबारियों के आईटीसी दावों को अनुमति दे दी गई थी. लेकिन, सीबीआईसी ने अपने हालिया आदेश में आईटीसी दावे के लिये जीएसटीआर-2ए से मिलान को अनिवार्य किया गया है.
जीएसटीआर-2ए जीएसटी प्रणाली से स्वत: निकलता है जो कि सप्लायर की ओर से दाखिल बिक्री रिटर्न पर आधारित होता है.
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