
ई-कॉमर्स क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों अमेजन और फ्लिपकार्ट ने ई-कॉमर्स क्षेत्र में FDI के संशोधित नियमों का अनुपालन करने के लिए एक फरवरी की डेडलाइन को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है. उनका कहना है कि उन्हें नए नियमों को विस्तारपूर्वक समझने के लिए और समय चाहिए.
ई-कॉमर्स क्षेत्र में FDI के संशोधित नियम एक फरवरी 2019 से लागू होने हैं. समझा जाता है कि इनका अमेजन और फ्लिपकार्ट पर सबसे गहरा असर पड़ेगा.
क्या हैं नए नियम
सरकार ने दिसंबर में ई-कॉमर्स क्षेत्र की कंपनियों के लिए नए दिशानिर्देशों की घोषणा की है. इनमें FDI वाले आॅनलाइन मार्केटप्लेस पर उन कंपनियों के प्रोडक्ट्स बेचने से रोक लगाई गई है, जिनमें उनकी हिस्सेदारी है. इसके अलावा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर किसी कंपनी के प्रोडक्ट्स की विशिष्ट बिक्री यानी एक्सक्लूसिव सेल को लेकर भी रोक लगाई गई है.
ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस के लिए एक और प्रावधान भी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यदि किसी भी विक्रेता के माल की 25 फीसदी से अधिक खरीद मार्केटप्लेस इकाई द्वारा की जाती है तो उनकी इन्वेट्री (माल के स्टॉक) को मार्केटप्लेस चलाने वाली कंपनी के नियंत्रण वाली माना जाएगा.
क्या कहा गया अमेजन की ओर से
अमेजन इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि ई-कॉमर्स के लिए एफडीआई नीति में किए गए बदलावों को लेकर हम सरकार से स्पष्टीकरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं. हमने कई मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगा है, इसलिये हमने सरकार को लिखा है कि नए नियमों पर अमल के लिए चार माह का समय दिया जाना चाहिए.
प्रवक्ता ने यह भी कहा है कि कंपनी के साथ चार लाख से अधिक विक्रेता जुड़े हैं और अमेजन इंडिया मार्केटप्लेस पर दैनिक आधार पर काफी बड़ी मात्रा में लेनदेन होता है. ऐसे में कंपनी को नीतियों में किए गए बदलावों को विस्तारपूर्वक समझने के लिए अधिक समय चाहिए. इसके साथ ही कंपनी ने कहा है कि वह स्थानीय कानूनों, नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करने के लिये प्रतिबद्ध है.
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