Monsoon Impact on Investment: मौजूदा दौर में बढ़ रही महंगाई के बीच राहत की खबर यह है कि इस साल मॉनूसन समय से पहले ही भारत में दस्तक दे चुका है. वहीं आईएमडी का अनुमान है कि इस मॉनसून सामान्य रहेगा और सामान्य से 104 फीसदी बारिश भारत में हो सकती है. फिलहाल ये संकेत खेती किसानी के अलावा देश की अर्थव्यवस्था और निवेशकों के लिए भी अच्छे हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि पिछले दिनों किसानों को उनकी फसल की अच्छी रकम मिली है, इसलिए इस सीजन में भी बुआई एरिया बढ़ेगा. इसे एग्री व इससे जुड़ी कंपनियों को बेहतर डिमांड मिलेगी. वहीं इससे रूरल इंडिया की इनकम बेहतर होती है तो कई अन्य सेक्टर में भी डिमांड बढ़ेगी. सबसे बड़ी बात की फसल ज्यादा होने से महंगाई के मोर्चे पर भी राहत मिलेगी.
इन शेयरों पर रखें नजर
IIFL के VP-रिसर्च अनुज गुप्ता का कहना है कि इस साल मॉनसून बेहतर रहने का अनुमान है और समय से पहले इसने केरल में दस्तक दे दी है. अनुमान है कि अगले 2 हफ्तों में यह पूरे देश को कवर कर लेगा. फिलहाल यह महंगाई से जूड रही अर्थव्यवस्था के लिए हर मायने से अच्छी खबर है. इसका सबसे बड़ा फायदा एग्री सेक्टर को मिलेगा. खेती किसानी की एक्टिविटी बढ़ने से फर्टिलाइजर्स की डिमांड बढ़ेगी, ट्रैक्टर सहित एग्री इक्यूपमेंट की भी मांग बढ़ेगी. फसल अच्छी होती है तो जहां कमोडिटीज खासतौर से एडिबल आयल, दाल, सोयाबीन की कीमतें कम होंगी. उनका कहना है कि अगर इक्विटी की बात बात करें तो एग्री और इससे जुड़े सेक्टर पर नजर रख सकते हैं. निवेश के लिए Godrej agrovet, Mahindra & Mahindra, Chambal fertilizer, Titan, Deepak fertilizer, Dhanuka, HUL, MERICO पर नजर रख सकते हैं.
महंगाई से राहत, गोल्ड की बढ़ेगी डिमांड
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि पिछले 2 साल में कोरोना वायरस महामारी और महंगाई जैसी चिंता रही है तो मॉनसून के मोर्चे पर राहत मिली है. इस साल भी पिछले साल की तरह बेहतर मॉनूसन का अनुमान एजेंसियां लगा रही हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को राहत मिलेगी. इस साल पिछले साल की तुलना में भी बुआई का एरिया बढ़ सकता है. अच्छी फसल होती है तो डिमांड आसानी से बैलेंस हो जाएगी और कमोडिटी कीमतों में राहत मिलेगी, जो अभी सबसे बड़ी चिंता है. आयल सीड मसलन सोयाबीन, दाल, धान सबकी फसल बेहतर होने की उम्मीद है.
उनका कहना है कि जहां तक निवेश की बात है रूरल इनकम बेहतर होने से कंज्यूमर सेक्टर के अलावा गोल्ड और सिल्वर की डिमांड बढ़ सकती है. गांव के लोग सोने और चांदी में पैसा लगाना सेफ समझते हैं. इक्विटी की बात करें तो फर्टिलाइजर, एग्री इक्यूपमेंट, एग्री कंजम्पशन और एस्कार्ट ट्रैक्टर व महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसे ट्रैक्टर कंपनियों को अच्छी डिमांड मिलेगी.
मॉनसून का अर्थव्यवस्था में योगदान
भारत में खेती योग्य 60 फीसदी से ज्यादा जमीन ऐसी है, जहां सिंचाई का ठीक प्रबंध नहीं है. ऐसे में उन क्षेत्रों में किसान खेती के लिए बारिश पर निर्भर रहते हैं. इस सीजन में चावल, मक्का, दाल, कपास और गन्ना जैसी फसलें मॉनसून पर निर्भर हैं. बेहतर मॉनसून से पैदावार बढ़ने के साथ खाने-पीने की चीजों के दाम काबू में रहेंगे. बता दें कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते देश की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ा है.
(नोट: हमने यहां शेयर या कमोडिटी में निवेश की सलाह एक्सपर्ट से बात चीत के आधार पर दी है. बाजार के जोखिम को देखते हुए निवेश के पहले अपने स्तर पर एक्सपर्ट की राय लें.)