Bank Of Maharashtra Performance: बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BOM) ने जून में खत्म तिमाही के दौरान कई मोर्चों पर शानदार प्रदर्शन किया है. चालू वित्त वर्ष (FY 2022-2023) की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान बैंक ऑफ महाराष्ट्र के लोन और डिपॉजिट में वृद्धि की रफ्तार बाकी सभी सरकारी बैंकों के मुकाबले बेहतर रही है. बैंक की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान उसने 1 लाख 40 हजार 561 करोड़ रुपये के लोन दिए, जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 27.10 फीसदी अधिक हैं. लोन में बढ़ोतरी की ये रफ्तार बाकी सभी सरकारी बैंकों से ज्यादा है.
बैंक ऑफ महाराष्ट्र के मुकाबले इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) के लोन 16.43 फीसदी और बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) के लोन 15.73 फीसदी की रफ्तार से बढ़े हैं. जबकि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) लोन में 13.66 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ चौथे स्थान पर है. हालांकि देश के सबसे बड़े कॉमर्शियल बैंक SBI ने इस तिमाही के दौरान कुल 24 लाख 50 हजार 821 करोड़ रुपये के लोन दिए, जो बैंक ऑफ महाराष्ट्र की तुलना में लगभग 17 गुना अधिक है.
डिपॉजिट ग्रोथ के मामले में भी BOM टॉप पर
मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून 2022 के दौरान बैंक ऑफ महाराष्ट्र के डिपॉजिट बढ़कर 1 लाख 95 हजार 909 करोड़ रुपये हो गए. यह पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में 12.35 फीसदी की बढ़ोतरी दर्शाता है. डिपॉजिट में इस तेज रफ्तार बढ़ोतरी के चलते BOM इस मामले में भी बाकी सभी सरकारी बैंकों से आगे है. इसके बाद डिपॉजिट ग्रोथ के मामले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) का नंबर है, जिसके कुल डिपॉजिट पहली तिमाही में 9.42 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 9 लाख 92 हजार 517 करोड़ रुपये हो गए. बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) अपने डिपॉजिट में 8.51 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ तीसरे नंबर पर है.
सरकारी बैंकों के लिए बेहतर रही FY23 की पहली तिमाही, NPA में गिरावट से मुनाफे में उछाल
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा अब तक जारी तिमाही फाइनेंशियल डेटा के विश्लेषण से पता चलता है कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्रॉस नॉन-प्राफिट एसेट्स (GNPA) और नेट एनपीए सबसे कम हैं. मौजूदा कारोबारी साल की पहली तिमाही में बैंक ऑफ महाराष्ट्र का ग्रॉस एनपीए उसके कुल एडवांस का 3.74 फीसदी और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का ग्रॉस एनपीए उसके कुल एडवांस का 3.91 फीसदी रहा.
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