
बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने पतंजलि द्वारा तैयार किए गए कोरोनिल किट पर सफाई दी है. उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हमने कोरोनिल का लाइसेंस लिया है और सभी कानूनों का पालन करते हुए इसे तैयार किया है. इस पर सभी आवश्यक अनुमति ली गई हैं. बाबा रामदेव ने यह भी कहा कि मेरे खिलाफ दुष्प्रचार किया गया क्योंकि कोविड-19 के इलाज में सहायक दवा को आयुर्वेद में ढूंढ निकाला गया.
बाबा रामदेव ने कहा है कि कोरोनिल पर नियम कानून के अनुसार रिसर्च किया गया. 500 वैज्ञानिकों की टीम इस पर काम कर रही है. रिसर्च के बारे में आयुष मंत्रालय को पूरी रिपोर्ट सौंप दी गई है. कोरोनिल पर अब कोई विवाद नहीं है और बुधवार से कोरोनिल किट पूरे देश में भेजना शुरू कर दिया गया है. यह 1 जुलाई से पूरे देश में बिना किसी कानूनी अवरोध के उपलब्ध होगा.
बाबा रामदेव ने कहा है कि कोरोनिल में गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी हैं. इसमें औषधियों की तय मात्रा है. आयुष मंत्रालय ने हमारे काम की तारीफ की है. अब कोरोनिल को कोविड क्योर नहीं बल्कि कोविड मैनेजमेंट कहा जाएगा. इसे अब कोरोना का 100 फीसदी इलाज नहीं कहा जाएगा.
गंभीर लक्षण वालों पर ट्रायल होना बाकी
आगे कहा कि कोरोनिल का 3 लेवल पर परीक्षण किया गया. कोरोनिल का क्लिनिकल ट्रायल हुआ है. यह माइल्ड व मॉडरेट लक्षणों वाले लोगों पर हुआ है. अभी गंभीर लक्षणों वाले लोगों पर ट्रायल होना बाकी है. इसे कंटीन्यू करने के लिए आयुष मंत्रालय की अनुमति मिल गई है. उन्होंने यह भी कहा है कि अब एडवांस्ड लेवल रिसर्च में हम प्रूफ करेंगे कि कोविड19 का इलाज कर सकती है.
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23 जून को किया था लॉन्च
बाबा रामदेव ने 23 जून को कोरोनिल किट को लॉन्च किया था. इस किट में कोरोनिल टैबलेट के अलावा रेस्पिरेटरी सिस्टम को दुरुस्त करने वाली श्वसारी वटी और नेजल ड्रॉप के तौर पर अणु तेल शामिल हैं. तीनों दवाओं के इस एक किट की कीमत 535 रुपये रखी गई है. कोरोनिल को पतंजलि योगपीठ ने बनाया है और इसका प्रॉडक्शन हरिद्वार की दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड कर रहे हैं.
बाबा रामदेव का कहना है कि 100 लोगों पर जो क्लीनिकल स्टडी की गई, उसमें 95 लोगों ने हिस्सा लिया. 3 दिन में 69 फीसदी मरीज ठीक हो गए, जबकि 7 दिन में 100 फीसदी मरीज स्वस्थ हो गए. कोरोनिल के क्लीनिकल कंट्रोल्ड ट्रायल्स पतंजलि रिसर्च सेंटर और NIMS जयपुर ने मिलकर किए हैं.
इसके कुछ ही घंटों बाद आयुष मंत्रालय ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से कोरोनिल दवा की सारी डिटेल्स देने को कहा था. साथ ही यह भी निर्देश दिया था कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक कंपनी इस दवा को लेकर दावों की एडवर्टाइजिंग/पब्लिसिटी रोक दे.
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