
LIC IPO: सरकारी इंश्योरेंस कंपनी जीवन बीमा निगम यानी LIC के आईपीओ का इंतजार कर रहे निवेशकों के लिए अच्छी खबर है. अगले फिस्कल ईयर यानी मार्च के बाद सरकार LIC का आईपीओ लाएगी. इस बात का एलान फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में किया है. उन्होंने कहा कि LIC में हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार को कानून में कुछ बदलाव करने की जरूरत है. वहीं अगले फिस्कल ईयर में सरकार ने विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि LIC में हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार को कानून में कुछ बदलाव करने की जरूरत है. जरूरी संशोधन का प्रस्ताव बजट सत्र में ही किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस साल दो सरकारी बैंकों में अपनी हिस्सेदारी कम करने वाली है. बता दें कि पिछले साल ही एलआईसी का आईपीओ आना था, लेकिन कुछ वजहों से इसमें देरी हुई. माना जा रहा है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से LIC का IPO आने में देरी हुई है. सरकार LIC में अपनी 25 फीसदी हिस्सेदारी कम करेगी.
विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. उन्होंने कहा कि सरकार 2 सरकारी बैंकों और 1 इंश्योरेंस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचकर यह अगले वित्त वर्ष में यह रकम जुटाएगी. पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (PSEs) के प्राइवेटाइजेशन की पॉलिसी का खुलासा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि 4 स्ट्रेटेजिक सेक्टर्स को छोड़कर सभी PSUs में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचेगी.
अगले फिस्कल ही BPCL का विनिवेश
वित्त मंत्री ने कहा कि BPCL, एयर इंडिया, IDBI, जैसी कंपनियों में विनिवेश की प्रक्रिया 2021-22 में पूरी हो जाएगी. नीति आयोग से उन PSUs की लिस्ट बनाने के कहा गया है जिनमें सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचेगी. बता दें कि केंद्र सरकार ने विनिवेश के जरिये वर्ष 2020-21 में 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन सरकार अभी लक्ष्य से बहुत पीछे है.
इंश्योरेंस एक्ट 1938 में संशोधन
इसके अलावा इंश्योरेंस एक्ट 1938 में संशोधन करने का एलान किया गया है. इंश्योरेंस कंपनियों में 74 फीसदी तक एफडीआई को अनुमति होगी, जो अभी 50 फीसदी है.
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