Union Budget 2023: कैपिटल गेन्स टैक्स पर राहत से स्टार्टअप्स को मिलेगा बूस्ट, सेक्टर की ये है विश लिस्ट | The Financial Express

Union Budget 2023: कैपिटल गेन्स टैक्स पर राहत से स्टार्टअप्स को मिलेगा बूस्ट, सेक्टर की ये है विश लिस्ट

Union Budget 2023: आगामी केंद्रीय बजट 2023 से एंजेल इन्वेस्टर्स और वेंचर कैपिटलिस्ट को उम्मीद है कि सरकार कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gain Tax) को कम करेगी जिससे निवेश को और बढ़ावा मिल सकेगा.

Union Budget 2023: कैपिटल गेन्स टैक्स पर राहत से स्टार्टअप्स को मिलेगा बूस्ट, सेक्टर की ये है विश लिस्ट
Union Budget 2023: आगामी केंद्रीय बजट 2023 से एंजेल इन्वेस्टर्स और वेंचर कैपिटलिस्ट को उम्मीद है कि सरकार कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gain Tax) को कम करेगी जिससे निवेश को और बढ़ावा मिल सकेगा

Union Budget 2023: आने वाले कुछ दिनों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आम बजट 2023 पेश करेंगी. बजट को लेकर आम लोगों को ही नहीं बल्कि इन्वेस्टर्स और स्टार्टअप सेक्टर (Startup Sector) को भी अच्छी खासी उम्मीदें हैं. अक्सर एंजल निवेशक (Angle Investor) और वेंचर कैपिटलिस्ट (Venture Capitalist) सरकार से टैक्स रिबेट्स (Tax Rebates) की मांग करते रहते हैं क्योंकि स्टार्टअप्स और छोटे व्यवसायों को इससे अपने बिजनेस में इनोवेशन को बढ़ाने में मदद मिलती है. सरकार इस बजट में टैक्स रिबेट्स और टैक्स इंसेंटिव की पेशकश करके इन इन्वेस्टर्स को बढ़ने में मदद कर सकती है, जिससे और आर्थिक विकास तेज होगा और देश में नौकरियां भी बढ़ेंगी.

Angel Investors और Startup Sector को क्या है बजट से उम्मीद?

कैपिटल गेन्स टैक्स में कटौती की उम्मीद 

आगामी केंद्रीय बजट 2023 से एंजल इन्वेस्टर्स और वेंचर कैपिटलिस्ट को उम्मीद है कि सरकार कैपिटल गेन्स टैक्स (Capital Gains Tax) को कम करेगी जिससे निवेश को और बढ़ावा मिल सकेगा. इसके आलावा सरकार पिछले कई महीनों से संकट से जूझ रहा स्टार्टअप सेक्टर के लिए भी कई कदम उठा सकती है जिससे उद्यमिता और स्टार्टअप विकास को बढ़ावा मिल सके.

वो उपाय जिससे जरिये मजबूत होगा स्टार्टअप इकोसिस्टम 

  • शुरुआत में कंपनियों में इन्वेस्टमेंट को प्रोत्साहित करने के लिए एंजल निवेशकों और वेंचर कैपिटलिस्ट को मिले टैक्स इंसेंटिव
  • स्टार्टअप्स के लिए रेगुलेशन और कंप्लायंस प्रोसीजर को बनाया जाए आसान. ऐसा करने से बिजनेस शुरू करने में होगी आसानी.   
  • स्टार्टअप्स को मिले सरकारी फंडिंग
  • इनोवेशन और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के लिए रिसर्च को मिले बढ़ावा  
  • अनुकूल रेगुलेटरी माहौल बनाने की जरूरत, जिससे इज ऑफ़ डूइंग में हो आसानी.  
  • स्टार्टअप्स के कॉरपोरेट गवर्नेंस पर रेगुलेशन बढ़ाने की जरूरत
  • टियर-II और -III स्टार्टअप तंत्र के विकास पर ध्यान देने की जरूरत 

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इन सेक्टर्स पर ध्यान देने की जरूरत

इ कॉमर्स और फिनटेक: चूंकि भारतीय अर्थव्यस्था पूरी तरह से डिजिटल हो रहा है इसलिए सेक्टर का विकास सबसे ज्यादा जरूरी है.

टेक्नोलॉजी और डिजिटल: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, बिग डेटा, ब्लॉकचेन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले स्टार्टअप को भी प्रोत्साहन देने की जरूरत. 

एग्रीकल्चर: कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. इसलिए क्षेत्र में स्टार्टअप देश के ग्रामीण विकास और विकास के लिए महत्वपूर्ण होंगे. सरकार को इसपर ध्यान देने की जरूरत.

(Gaurav VK Singhvi is the co-founder of V Founders Circle)

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First published on: 29-01-2023 at 15:30 IST

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