Union Budget 2023-24: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बुधवार को संसद में यूनियन बजट 2023 (Union Budget 2023) पेश किया. बजट से पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि वित्त मंत्री नई टैक्स रिजीम में अहम बदलाव कर सकती हैं और अपने बजट भाषण में उन्होंने ऐसा ही किया. वित्त मंत्री ने कहा कि नई टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स पेयर्स को अब कोई भुगतान नहीं करना पड़ेगा. ऐसा टैक्स पर रिबेट की सीमा बढ़ाए जाने की वजह से होगा. आगे उन्होंने यह भी बताया कि साल में 9 लाख और 15 लाख रुपये कमाने वालों को कितना इनकम टैक्स भरना होगा.
7 लाख तक कमाने वाले होंगे खुश, 5 करोड़ से ज्यादा आय वालों को भी फायदा
डेलॉयट इंडिया (Deloitte India) के पार्टनर आलोक अग्रवाल का कहना है कि नई टैक्स रिजीम में किए गए बदलावों का फायदा टैक्स स्लैब के दोनों छोर पर मौजूद टैक्स पेयर्स को मिलेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि एक तरफ 7 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले लोगों को कोई टैक्स नहीं भरना होगा. वहीं दूसरी तरफ साल में 5 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वालों के लिए सरचार्ज की दर 37 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी कर दी गई है.
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नई टैक्स रिजीम पर पर वित्त मंत्री ने क्या कहा?
सदन में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि मैंने 2020 में 2.5 लाख रुपये से शुरू होने वाले 6 टैक्स स्लैब्स के साथ नई टैक्स रिजीम (New Personal Income Tax Regime) की शुरुआत की. अब मैं इस व्यवस्था में टैक्स स्ट्रक्चर को बदलने का प्रस्ताव करती हूं. अब टैक्स स्लैब्स की संख्या घटाकर 5 और टैक्स एग्जम्पशन लिमिट बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर रही हूं.
नई टैक्स रिजीम में बदलाव
- सालाना 0 से 3 लाख की आमदनी : 0%
- सालाना 3 से 6 लाख की आमदनी: 5%,
- सालाना 6 से 9 लाख की आमदनी: 10%,
- सालाना 9 से 12 लाख की आमदनी: 15%
- सालाना 12 से 15 लाख की आमदनी: 20%
- सालाना 15 लाख से की आमदनी: 30%
वित्त मंत्री ने उदाहरण देकर समझाया नई टैक्स रिजीम का फायदा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में नई टैक्स रिजीम में किए गए बदलावों को उदाहरण देकर साफ भी किया. उन्होंने बताया कि नई टैक्स रिजीम में 9 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले करदाता को सिर्फ 45 हजार रुपये टैक्स देना होगा. यानी उसे अपनी सालाना आय का महज 5 फीसदी हिस्सा ही टैक्स के तौर पर देना होगा. जबकि मौजूदा प्रावधानों के तहत उसे इतनी ही आय पर 60 हजार रुपये टैक्स भरना होता है. यानी मौजूदा प्रावधान की वजह से उसकी टैक्स देनदारी 25 फीसदी कम हो जाएगी. इसी तरह 15 लाख रुपये की आय वाले व्यक्ति को नई टैक्स रिजीम से जुड़े नए प्रस्ताव लागू होने पर 1.5 लाख रुपये टैक्स देना होगा. जबकि उसकी मौजूदा टैक्स देनदारी 1,87,500 रुपये बनती है. इस हिसाब से नए प्रस्ताव की वजह से उसकी टैक्स देनदारी 37,500 रुपये या 20 फीसदी घट जाएगी.
नई टैक्स रिजीम को प्रमोट कर रही है सरकार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नए बजट से साफ जाहिर है कि सरकार अब नई टैक्स रिजीम को पूरी ताकत से प्रमोट करने में लगी है, जिसे अब डिफॉल्ट टैक्स रिजीम भी बना दिया गया है. डिलॉयट इंडिया (Deloitte India) की पार्टनर सरस्वती कस्तूरीरंगन ने ये राय इसलिए जाहिर की है, क्योंकि सरकार ने नई टैक्स रिजीम में बेसिक एग्जम्पशन की लिमिट को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया है. इसके अलावा 7 लाख तक की आय वालों को नई टैक्स रिजीम में रिबेट का फायदा भी मिलेगा. नई टैक्स रिजीम में आयकर की अधिकतम मार्जिनल दर (maximum marginal rate) 42.74% से घटकर 39% हो गई है.