Union Budget 2022: आगामी वित्त वर्ष 2022-23 का बजट अगले महीने के पहले दिन एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. यह बजट सुबह 11 बजे पेश होगा. हालांकि हमेशा से बजट सुबह पेश करने की परंपरा नहीं रही है. पहले इसे शाम 5 बजे पेश किया जाता था. शाम को बजट पेश करने की परंपरा 1999 में खत्म हुई. उस समय केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी और इस बदलाव के वाहक तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा बने.
क्यों शाम को पेश होता था बजट?
दरअसल, भारत में बजट पेश करने के लिए शाम पांच बजे का वक्त ब्रिटिश घड़ी से निर्धारित था. ब्रिटेन में सुबह 11 बजे बजट पेश होता है. आजादी के पहले ब्रिटेन के बजट में भारत के लिए भी बजट का आवंटन पेश होता था और ब्रिटेन की संसद ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ और ‘हाउस ऑफ लॉर्ड्स’ के सदस्य भारत का बजट भी सुनते थे. इसलिए अंग्रेजों के शासकाल में भारत में भी उसी समय बजट पेश करना जरूरी था, जिस समय ब्रिटेन में बजट पेश हो. ब्रिटेन में जब सुबह 11 बजते हैं तो उस समय भारत में शाम के 5 बजे होते हैं. इसी कारण से भारत में बजट पेश करने का समय शाम 5 बजे था. शाम को बजट पेश होने की परंपरा वर्ष 1924 में सर बेसिल ब्लैकेट ने शुरू की.आजादी से पहले तक भारत में शाम को बजट पेश किए जाने से भारत में कारोबारी कंपनियों को भी फायदा था. इसकी मुख्य वजह यह थी कि भारतीय समय के हिसाब से लंदन स्टॉक एक्सचेंज शाम 5 बजे से खुलता है.
यशवंत सिन्हा लाए बदलाव
वित्त वर्ष 1999-2000 के लिए बजट पेश करते समय इस परंपरा में बदलाव हुआ और उस समय की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने पहली बार आम बजट सुबह 11 बजे पेश किया. सिन्हा ने 27 फरवरी 1999 को वित्त वर्ष 1999-2000 के लिए बजट पेश किया था. सिन्हा ने बजट पेश करने के समय में बदलाव की एक और महत्वपूर्ण वजह बताई थी. सिन्हा के मुताबिक, बजट पेश करने के बाद इंटरव्यू का एक लंबा दौर शुरू हो जाता है, जिसकी वजह से देर रात तक जगने पर थकान हो जाती है. इस कारण इसका समय बदलकर दिन में कर दिया गया.