Union Budget 2022: केंद्रीय बजट 2022 के पहले BSE सेंसेक्स और निफ्टी 50 में जमकर बिकवाली देखने को मिल रही है, जिसकी वजह से शेयर बाजार लगातार गोता लगा रहा है. इस सप्ताह में अब तक, BSE सेंसेक्स 4 फीसदी से ज्यादा गिरकर 56,628.36 के लेवल पर आ गया है, जबकि NSE निफ्टी 50 इंडेक्स 3.7 प्रतिशत गिरकर 16,921 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. IIFL सिक्योरिटीज के डायरेक्टर संजीव भसीन का मानना है कि केंद्रीय बजट 2022 के दिन यानी 1 फरवरी को सेंसेक्स 60,000, निफ्टी 18,000 और बैंक निफ्टी 38,500 के स्तर पर पहुंच सकता है. बजट से पहले भसीन एक्सिस बैंक, HCL टेक, Eicher मोटर्स समेत कई अन्य शेयरों को लेकर बुलिश हैं. भसीन को भारतीय शेयर बाजारों में बजट के बाद रैली की उम्मीद है. यहां हमने भसीन के साथ हुई बातचीत को सवाल-जवाब के तौर पर बताया है.
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- सवाल – बजट 2022 से पहले निफ्टी, बैंक निफ्टी में ट्रेड कैसे करें?
जवाब – बैंक निफ्टी के शेयर खरीदने पर विचार कर सकते हैं क्योंकि इसने निफ्टी 50 के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है. निवेशकों को Nifty Bees और Bank Bees दोनों खरीदना चाहिए क्योंकि वे एक्सचेंज ट्रेडेड ईटीएफ हैं जो आपको इंडेक्स खरीदने की अनुमति देते हैं और NSE में लिस्टेड हैं.
- सवाल- बजट के दिन सेंसेक्स, निफ्टी और बैंक निफ्टी में किस तरह के प्रदर्शन की उम्मीद है?
जवाब – BSE सेंसेक्स 60,000 पर, बैंक निफ्टी 38,500 पर और निफ्टी 50 इंडेक्स 18,000 के लेवल पर पहुंच सकता है. इस दौरान भारतीय शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव की संभावना है.
- सवाल – बजट 2022 से पहले खरीदने, बेचने या होल्ड करने के लिए कौन से स्टॉक हैं?
जवाब– निवेशक एक्सिस बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, Cummins India, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), जीएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर और Eicher Motors पर दांव लगा सकते हैं.
- सवाल – केंद्रीय बजट 2022 के दिन कौन से स्टॉक और सेक्टर फोकस में रहेंगे?
जवाब – इन्फ्रास्ट्रक्चर, बैंकों, पीएलआई से संबंधित नए प्रवेशकों जैसे ऑटो, इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन जैसे सेक्टरों के शेयरों के केंद्रीय बजट 2022 के दिन फोकस में रहने की संभावना है.
- सवाल – इस साल कौन सी प्रमुख बजट घोषणाएं बाजार को चौंका सकती हैं?
जवाब – LTCG (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स) में कुछ राहत की घोषणा की जा सकती है. घाटे के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर कैपिटल एक्सपेंडिचर को बढ़ाया जा सकता है. सरकार नौकरियों, उद्योगों, पीएलआई और हेल्थकेयर पर जोर दे सकती है.
(Article: Surbhi Jain)