Union Budget 2021 Live Updates on 1 February 2021 in Hindi: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश कर दिया. कोविड19 महामारी के बीच आया बजट 2021 इस बात के साफ संकेत दे गया कि ‘स्वस्थ भारत’ और ‘मजबूत बुनियाद’ पर ही देश आगे बढ़ेगा. अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए खर्च करना ही है, सरकार ने जिस तरह राजकोषीय घाटे का लक्ष्य निर्धारित किया है, उससे यह बात साफ है. वित्त मंत्री के बजट में ऐसा कोई नया टैक्स नहीं लगाया जिसका निवेशकों, कारोबारियों या करदाताओं पर नकारात्मक असर हो. यही वजह रही कि शेयर बाजार भी बम-बम करता नजर आया और निवेशकों की दौलत एक ही दिन में 6.8 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई. वित्त मंत्री ने फॉर्म क्रेडिट लिमिट को 16.5 लाख करोड़ रुपये करके किसानों को एक अहम संदेश देने की पहल की. हालांकि, वेतनभोगी करदाताओं का इंतजार एक साल और बढ़ गया. यानी, करदाताओं की जेब पर किसी भी तरह की राहत नहीं दी गई.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के लिए कुल 34,83,236 करोड़ रुपये के व्यय का बजट पेश किया है. यह चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान 34,50,305 करोड़ रुपये से थोड़ा ही अधिक है. इसमें पूंजी व्यय 5,54,236 करोड़ रुपये है, जो 2020-21 के संशोधित अनुमान 4,39,163 करोड़ रुपये से कहीं अधिक है. बजट दस्तावेज के मुताबिक, राजस्व खाते पर व्यय 29,29,000 करोड़ रुपये अनुमानित है जबकि 2020-21 के संशोधित अनुमान के अनुसार खर्च 30,111,42 करोड़ रुपये दिखाया गया है.
वित्त मंत्री ने बजट में 6 पिलर्स के नाम, स्वास्थ्य और कल्याण, भौतिक और वित्तीय पूंजी, और अवसंरचना, आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना, नवप्रवर्तन और अनुसंधान एवं विकास और न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन, गिनाए. बजट में आयकर दाताओं को बजट में किसी भी तरह अहम राहत का एलान नहीं किया गया है. इनकम टैक्स स्लैब में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. हालांकि, वरिष्ठ नागरिक जो 75 साल से अधिक हैं और उनकी पेंशन व जमा से आय है तो उनकी इनकम टैक्स रिटर्न से छूट देने का एलान किया.
वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2022 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है, जोकि 2021 में 9.5 फीसदी रह सकता है. बजट 2021 से जुड़े हर अपेडट के लिए फाइनेंशियल एक्सप्रेस हिंदी आनलाइन के साथ बने रहिये…
Read Union Budget 2021 Live Updates in English
बजट 2021 में सोने और चांदी के आयात शुल्क में कटौती करने की सरकार की घोषणा के बाद दिल्ली सराफा बाजार में सोमवार को सोना 1,324 रुपये की जोरदार गिरावट के साथ 47,520 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया. एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी है. पिछले कारोबारी सत्र में सोना 48,844 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. इसके विपरीत, चांदी 3,461 रुपये के उछाल के साथ 72,470 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई. Silver Price Today, Gold Price Today: बजट एलानों के बाद सोने में 1324 रु की बड़ी गिरावट, चांदी 3461 रु चढ़ी
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया है. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट है. कोरोना महामारी और उसके बाद आर्थिक संकट के कारण यह बजट बहुत महत्वपूर्ण हो गया है. इस बजट का आपके पर्सनल फाइनेंस पर भी बड़ा असर होगा. कहीं जगह आपको फायदा मिल सकता है, तो कहीं नुकसान भी पहुंच सकता है. बजट 2021: वित्त मंत्री के ये एलान आपके पर्सनल फाइनेंस पर डालेंगे असर; कहां फायदा, किससे नुकसान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के लिए कुल 34,83,236 करोड़ रुपये के व्यय का बजट पेश किया है. यह चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान 34,50,305 करोड़ रुपये से थोड़ा ही अधिक है. इसमें पूंजी व्यय 5,54,236 करोड़ रुपये है, जो 2020-21 के संशोधित अनुमान 4,39,163 करोड़ रुपये से कहीं अधिक है. बजट दस्तावेज के मुताबिक, राजस्व खाते पर व्यय 29,29,000 करोड़ रुपये अनुमानित है जबकि 2020-21 के संशोधित अनुमान के अनुसार खर्च 30,111,42 करोड़ रुपये दिखाया गया है.
मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस के वरिष्ठ विश्लेषक (वित्तीय संस्थान) मोहम्मद अली लोंदे ने कहा कि बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा बढ़ाकर 74 प्रतिशत करना क्रेडिट रेटिंग के लिहाज से सकारात्मक है. उन्होंने कहा, ‘‘अधिक विदेशी स्वामित्व की संभावना से बीमाकर्ताओं को वित्तीय लचीलापन मिलेगा और उन्हें कर्ज भुगतान करने की क्षमता बेहतर बनाने के लिये अतिरिक्त अवसर प्राप्त होंगे इसके अलावा जोखिम प्रबंधन के श्रेष्ठ तरीकों को साझा करने से भी बीमाकर्ताओं को लाभ होगा.’’
पोद्दार हाउसिंग एंड डेवलपमेंट लिमिटेड मैनेजिंग डायरेक्टर और ज्वाइंट सेक्रेटरी, नरेडको महाराष्ट्र रोहित पोद्दार का कहना है, किफायती आवास के लिए, ब्याज के भुगतान पर की गई कटौती पर एक और वर्ष का विस्तार घर खरीदार के लिए आवश्यक सुविधा की पेशकश करने में मदद करेगा. मार्च 2022 तक अफोर्डेबल हाउसिंग टैक्स हॉलिडे एक्सटेंशन आवास की मांग में हाल की गति को बढ़ावा देगा.
नाइट फ्रैंक इंडिया के सीएमडी शिशिर बैजल के अनुसार, रियल एस्टेट क्षेत्र के संदर्भ में, इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण से संबंधित बजट घोषणाएं निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाने में मदद करेंगी और महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर की संपत्ति के विकास के लिए फंड फ्लो बढ़ाने में सरकार की सहायता करेंगी.
बजट 2021 पर सिआम के प्रेसिडेंट केईनिची आयुकावा ने कहा कि यह एक विजनरी बजट है. सरकार ने विस्तारवादी कदम अपनाया है. इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए प्रभावकारी कदम उठाए गए हैं. मैक्रोइकोनॉमिक ग्रोथ आटो सेक्टर की अच्छी डिमांड में तब्दील होगी. खासकर व्हीकल स्कैप स्कीम एक अच्छा कदम है.
दी बुलियन & ज्वैलर्स एसोसिएशन के प्रेजिडेंट योगेश सिंघल का कहना है, वित्तमंत्री ने दी ज्वेलरी इंडस्ट्री को राहत दी. कस्टम ड्यूटी 12.5% से घटाकर 10.75% किया. जिससे ग्राहक को मिलेगा तकरीबन 1000/- प्रति 10 ग्राम का फायदा होगा. दूसरी ओर, टैक्स अधिकारी 6 साल की जगह अब 3 साल के केस रीओपन कर सकेंगे, जिससे करदाता का शोषण कम होगा. 2 करोड़ के ऊपर टर्नओवर पर जीएसटी ऑडिट को भी समाप्त कर दिया गया हैं, जिससे व्यापारी का समय और पैसा दोनों बचेगा. आयकर की 5 करोड़ टर्नओवर के ऊपर ऑडिट की सीमा को बढ़ाकर किया 10 करोड़ बशर्ते 95% लेनदेन डिजिटल हो. कुल मिलाकर ज्वेलरी इंडस्ट्री के प्रति सरकार की सोच सकारात्मक है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ये बजट काफी संतुलित है. कोविड के कारण कितना काम करना पड़ा है, हर क्षेत्र में समस्याओं का सामना करना पड़ा. इसके बावजूद हर चीज को संतुलित करते हुए जो बजट पेश किया गया, उसके लिए हम सरकार को बधाई देते हैं.
बजट पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, गरीबों के मनरेगा में तो कोई बदलाव नहीं हुआ. आत्मनिर्भर भारत इतनी बार बोला गया है कि अब वो आत्म बेचो भारत सा हो गया है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, वित्त मंत्री ने जो बजट पेश किया है वह आत्मनिर्भर भारत का बजट है. इस बजट में समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है. मैं मानता हूं कि कोरोना काल में आपदा को अवसर में बदलने वाला यह बजट है.
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, इस बजट में MSME, इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया गया है. निवेश हो, उद्योग हो, बुनियादी ढांचा हो, इन क्षेत्रों में यह बजट सकारात्मक बदलाव लाएगा. बजट में कोरोना वैक्सीन के लिए अलग से 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, इस बजट में परिवहन मंत्रालय को 1,18,000 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई गई है. देश में जितना परिवहन और इंफ्रास्ट्रक्चर ज्यादा होगा उतनी ही देश की आर्थिक स्थिति अच्छी होगी. नए निवेशक आएंगे, उद्योग लगेंगे और रोज़गार उपलब्ध होगा.
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, इस बजट का सार है ‘धोखा’. यह धोखेबाज बजट है. केंद्र सरकार ने रक्षा बजट नहीं बढ़ाया। जिस प्रकार से राजकोषीय और वित्तीय घाटा लगभग 9.5-10% तक पहुंच गया है, यह निवेशक और अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की बड़ी घंटी है.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, इस बजट में 16.5 लाख करोड़ रुपये का ऋण किसानों को मिलेगा. APMC सशक्त हो सकेंगे, बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर वहां खड़े हो सकेंगे, इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपये के इंफ्रास्ट्रक्टर फंड में APMC को शामिल किया गया है. कृषि सुधार बिलों की दृष्टि से जिन लोगों के मन में शंका है वो इस बजट से निर्मूल हो जानी चाहिए. इस बजट में MSP के प्रति प्रतिबद्धता भी जाहिर की है और APMC को सशक्त बनाने की दृष्टि से भी सरकार ने ध्यान रखा है.
आदित्य बिरला कैपिटल के चीफ एग्जूक्यूविट अजय श्रीनिवासन का कहना है कि सरकार ने साफ तौर पर सस्टेनेबल और इन्क्लूसिव ग्रोथ के संकेत अपने बजट के जरिए दिया है. कैपिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और इंफ्रास्ट्रक्चर को जिस तरह से खर्च बढ़ाया गया है उससे आने वाले सालों में ग्रोथ मजबूत होगी. सरकार ने राजकोषीय घाटे का लक्ष्य भी अधिक रहा है.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का कहना है, कोरोना महामारी के समय में ऐसा बजट दिया है कि कोई इसका विरोध नहीं कर सकता है. अगर कोई विरोध करता है तो वह राजनीतिक है. हम भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बढ़ रहे हैं. कोविड की वजह से अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ लेकिन बजट आवंटन में कमी नहीं हुई.
बजट 2021 पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है, आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किया गया आम बजट देश के इतिहास में अब तक का पहला ऐसा बजट है जिसने इंफ्रास्ट्रक्चर को प्राथमिकता दी है. इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के कारण अन्य सेक्टरों को भी फायदा होगा.
बजट 2021 पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, यह बजट सभी वर्गों, बुजुर्गों, युवाओं, महिलाओं, संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, छोटे बड़े उद्योगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने वाला बजट है.
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का कहना है, यह बजट भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।बजट के बाद हर सेक्टर में पॉजिटिविटी आई है. कोरोना महामारी के बाद GDP को बढ़ाने के लिए जितने भी कदम उठाने की आवश्यक्ता थी, वो हर कदम उठाए गए हैं.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, बजट में केंद्र सरकार ने दिल्ली के साथ धोखा किया है. दिल्ली को सिर्फ 325 करोड़ रुपये दिए हैं. दिल्ली को पिछले 17 सालों से केंद्र सरकार 325 करोड़ रुपये देती आई हैं. एक रुपये भी नहीं बढ़ाया. उम्मीद थी कोरोना काल में पैसा बढ़ाकर दिया जाएगा.
यह बजट देश निर्माण के लिए नहीं था बल्कि देश बेचने के लिए था. आप जानते हैं कि कई संस्थानों की संपत्तियों को बेचा गया. जितनी संपत्तियां बची है उसे निजी क्षेत्र को देने की तैयारियां चल रही है. आम नागरिकों की कमर तोड़ दी गई. चंद लोगों का ख्याल इस बजट में रखा गया है: तेजस्वी यादव, RJD (ANI)
वाधवानी फाउंडेशन में वाधवानी ऑपरचुनिटी के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट सुनील दहिया ने कहा, “बजट में अप्रेंटिसशिप ऐक्ट में प्रस्तावित संशोधन में हमारी शिक्षा और प्रशिक्षण व्यवस्था में नई जान फूंकने की संभावना है. इससे हमारे युवाओं के लिए अप्रेंटिसशिप के मौकों को और बेहतर करने की संभावना बनेगी. भारत के कामगारों को कौशल युक्त करने के लिए अप्रेंटिसशिप सर्वश्रेष्ठ मॉडल हो सकता है. यह छात्रों या युवकों को पूरी तरह प्रशिक्षत उद्योग का कार्यकारी बनने में सहायता करता है. ये ऐसे लोग होंगे जिन्हें कार्यस्थल पर काम करने का वास्तविक अनुभव होगा. इससे ना सिर्फ युवकों को नौकरी पर रखने की योग्यता बेहतर होगी बल्कि बेरोजगारी भी कम होगी पर नियोक्ता के नजरिए से देखें तो इससे युवकों का कौशल बेहतर होगा, उनकी उत्पादकता बढ़ेगी और वे पेशेवर होंगे.
फेडरेशन आफ आल इंडिया व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव वीके बंसल का कहना है कि कुल मिलकर यह बजट मध्यम वर्गीय जनता, जिसमें खुदरा व्यापारी भी शामिल हैं, के लिए निराशा वाला बजट रहा है. बजट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिससे उपभोक्ता के हाथों में क्रय शक्ति की वृद्धि हो. इंफ्रास्ट्रक्चर के बढ़ने से कॉर्पोरेट एवं कृषि क्षेत्र को लाभ मिलेगा. व्यापारियों को ना तो कोई कर छूट मिली है न बैंक के ब्याज में कोई छूट दी गई है. जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट में अब बहुत ज्यादा वर्किंग कैपिटल के ब्लॉक होने की सम्भावना है क्योंकि विक्रेता द्वारा GSTR-1. दाखिल करने पर ही अब इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा. 13 विनिर्माण क्षेत्रों में अगले पांच सालो में 1.97 लाख करोड़ का उत्पादन प्रोत्साहन देने की घोषणा की है. सरकार संगठित क्षेत्र को प्रोत्साहन देकर रोजगार बढ़ाना चाहती है. सरकार यह भूल रही है कि असंगठित क्षेत्र 90% रोजगार देता है जबकि संगठित क्षेत्र मात्र 10% रोजगार के अवसर पैदा करता है. दुर्भाग्य से सरकार ने 90% वर्ग के विषय में बजट में कोई प्रावधान नहीं किया.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, बजट का बड़ा हिस्सा इंफ्रास्ट्रक्चर और स्वास्थ्य क्षेत्र को दिया गया है परन्तु इसका मतलब यह नहीं है कि बजट में कृषि को जगह नहीं मिली. NABARD के लिए आवंटन बढ़ाया गया है ताकि किसानों तक ज्यादा से ज्यादा फायदा मिले.
जमा बीमा दावों को कारगर बनाने के सरकार के कदम का स्वागत योग्य है. पिछले साल सरकार ने जमाकर्ताओं के हित में जमा बीमा कवरेज को 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया था. लेकिन बीमा क्लेम केवल तभी किया जा सकता है जब बैंक का लाइसेंस रद्द किया जाए और उसकी परिसमापन कार्यवाही शुरू हो. अब नई घोषणा के अनुसार, बैंक ग्राहक जिनके खाते बैंक की बुरे प्रदर्शन के कारण फ्रीज कर दिए गए हैं, उन्हें भी अपने पैसे निकाल पाने में आसानी होगी.
– आदिल शेट्टी, सीईओ, बैंकबाजार.कॉम
केंद्रीय बजट पर कॉन्डफेरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा है कि केंद्रीय बजट एक प्रगतिशील एवं व्यापक आर्थिक दस्तावेज है जो अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र के संरचित विकास को न केवल सुनिश्चित करता है बल्कि बजट के अनेक प्रावधान देश भर के व्यापारियों को व्यापार करने अधिक सुविधा देंगे. देश के वरिष्ठ अधिकांश नागरिकों को कर के बोझ से राहत देना और स्वास्थ्य क्षेत्र और उसमें सेवाओं के मजबूत विकास को सुनिश्चित करना इस बजट की मुख्य विशेषता है. इस बार के बजट में कोई भी नया कर नहीं लगाया गया है. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल में कहा कि हम वित्त मंत्री से असहमत हैं कि जीएसटी को तर्कसंगत बनाया गया है. साथ ही इस बात का गहरा अफसोस है कि भारत के खुदरा व्यापार के लिए कोई समर्थन नीति घोषित नहीं की गई है. हम इस मुद्दे को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष रखेंगे. इस बजट के जरिये सरकार ने देश केे मजबूत भविष्य को परिभाषित करने के लिए एक निश्चित रोडमैप प्रदान किया है.
हमने पिछले साल जो कुछ देखा उसके चलते स्वास्थ्य क्षेत्र को बज़ट में बड़ी जगह दी गई है. जिसमें प्रयोगशालाओं की स्थापना, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, ब्लॉक्स में क्रिटिकल केयर सेंटर की स्थापना, टेस्टिंग लैब आदि शामिल हैं: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
पीएम मोदी ने कहा, ऐसे बजट कम ही देखने को मिलते हैं जिसमें शुरू के एक-दो घंटों में ही इतने सकारात्मक रिस्पांस आए. इस बजट में MSME और इंफ्रास्ट्रक्टर पर विशेष जोर दिया गया है. ये बजट जिस तरह से हेल्थ केयर पर केंद्रित है वो भी अभूतपूर्व है. इस बजट में दक्षिण के हमारे राज्य, पूर्वोत्तर के हमारे राज्य और उत्तर में लेह-लद्दाख जैसे क्षेत्रों में विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए नए क्षेत्र विकसित करना, आधुनिकता की तरफ आगे बढ़ना, नए सुधार लाना है. आज के बजट में आत्मनिर्भरता का विजन भी है और हर वर्ग का समावेश भी है. हम इस में जिन सिद्धांतों को लेकर चले हैं वो हैं- ग्रोथ के लिए नई संभावनाओं का विस्तार करना, युवाओं के लिए नए अवसरों का निर्माण करना, मानव संसाधन को एक नया आयाम देना.
पीएम मोदी ने कहा, वर्ष 2021 का बजट असाधारण परिस्थितियों के बीच पेश किया गया है, इसमें यथार्थ का अहसास और विकास का विश्वास भी है. कोरोना ने दुनिया में जो प्रभाव पैदा किया उसने पूरी मानव जाति को हिला कर रख दिया. इन परिस्थितियों के बीच आज का बजट भारत के आत्मविश्वास को उजागर करने वाला है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, लंबे समय से हम जो सपना देखते थे, वो सपना नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साकार हुआ है. लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण को केंद्र में जगह मिली है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश 137% बढ़ा है, ये पिछले साल के अनुमानित बजट से 2.37 गुना ज़्यादा है.
नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत ने कहा, बजट बहुत शानदार है क्योंकि यह अगले 3-4 साल की दिशा दे रहा है. सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया है. शिक्षा और स्वास्थ्य पर बहुत फोकस है. यह बहुत व्यवहारिक बजट है. कोई नया कर नहीं लगाया गया है जो बहुत बड़ी बात है. यह बजट आम आदमी के अनुकूल है.
समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव का कहना है, इस बजट ने उन सभी प्रदर्शनकारी किसानों को क्या दिया? बीजेपी हमेशा कहती थी कि वो आय दोगुनी करेगी, क्या इस बजट से किसानों की आय दोगुनी हो रही? हमारे युवा जो पढ़ाई करना चाहते हैं उनके लिए काम, रोजगार के लिए इस बजट में क्या व्यवस्था की गई है, क्या इनको रोजगार मिलेगा. (ANI)
कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा, हमें उम्मीद थी कि असाधारण स्थिति में जब बजट पेश होगा तो इसमें असाधरण कदम उठाने की झलक मिलेगी. लेकिन सरकार असाधारण स्थिति में बड़े साधारण और निजीकरण की राह पकड़ कर खुद को बचाना चाहती है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बजट में समाज के हर तबके के लिए बहुत कुछ प्रावधान किया गया है. इसमें देश के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए जो प्रयास हुआ है और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदलाव करने के लिए जिस प्रकार की कार्ययोजना बनाई गई है वह अभिनंदनीय है. यह बहुत महत्वपूर्ण और व्यवहारिक बजट है.
बजट पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर भारत को मजबूत बनाने का बजट है. ये सभी सेक्टरों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, स्वास्थ्य सेक्टर में लगभग 137% की वृद्धि की गई. ये बजट 70,000 गांवों को मजबूत करेगा. 602 गांवों में डिस्ट्रिक्ट लेवल पर क्लीनिक बनेंगे वो विशेष उपलब्धि है.
बजट 2021 पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लोगों को उम्मीद नहीं थी कि इस प्रकार का बजट पेश होगा क्योंकि इससे पहले भी एक तरह से पांच मिनी बजट पेश हुए हैं. ये बहुत ही शानदार बजट है इसकी जितनी प्रशंसा की जाए वो कम है. रक्षा क्षेत्र के बजट में बढ़ोतरी हुई है.
बजट 2021 पर एलजेपी के चिराग पासवान ने कहा कि वित्त मंत्री ने एक संतुलित बजट पेश किया है. कोरोना से सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया प्रभावित है उसके बावजूद बजट में हर वर्ग ध्यान रखा गया है. इस महामारी के दौरान इससे संतुलित बजट नहीं हो सकता.
केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाते-बनाते भी जिंदगी गुजर जाएगी. कहने को तो बहुत कुछ है लेकिन इसमें (बजट) से कितना निकलेगा ये पता चलेगा.
– बजट में लद्दाख में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने के प्रस्ताव पर फारूक अब्दुल्ला, नेशनल कांफ्रेंस
कस्टम ड्यूटी में बदलाव उम्मीदों के अनुरूप रहे. ईज आफ डूइंब बिजनेस की दिशा में ये पहल रही. वहीं घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कुछ प्रोडक्ट पर ड्यूटी बढ़ाकर मेक इन इंडिया को बूस्ट दिया गया है.
– महेश जयसिंग, नेशनल लीडर एंड इनडायरेक्ट टैक्स पार्टनर, डेलॉय इंडिया