
Indian Union Budget 2021-22: स्वदेशी और विदेशी कंपनियों द्वारा भारत में ही वस्तुओं के निर्माण पर जोर देने के लिए केंद्र सरकार ने 25 सितंबर 2014 को Make in India मुहिम की शुरुआत की थी. इस मुहिम के शुरू होने के छह साल बीत जाने के बाद अब भारतीय अर्थव्यवस्था को नई गति देने के लिए सरकार को अगला कदम क्या उठाना चाहिए, इसे लेकर लोगों के अलग-अलग विचार हैं. अधिकतर लोगों का मानना है कि सरकार को देश में रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) पर फोकस करना चाहिए.
फाइनेंशियस एक्सप्रेस ऑनलाइन हिंदी ने अपने पाठकों से पूछा था कि उनके मुताबिक मोदी सरकार को मेक इन इंडिया के बाद अगला कदम क्या उठाना चाहिए. इसके जवाब में करीब 66.7 फीसदी लोगों का कहना है कि सरकार को आरएंडडी इन इंडिया पर फोकस करना चाहिए. इसके बाद 20 फीसदी लोगों का कहना है कि ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ पर फोकस करना चाहिए और शेष 13.3 फीसदी लोगों का मानना है कि सरकार को ‘डिजाइन फॉर इंडिया’ को लेकर कदम उठाना चाहिए.
रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर फोकस की मांग
सर्वे में सबसे अधिक 66.7 फीसदी लोगों का मानना है कि सरकार को मेक इन इंडिया के बाद रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आरएंडडी) को लेकर कदम उठाना चाहिए. पिछले साल मई 2020 में नेशनल साइंस एंड टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन (NSTMIS), डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ( DST) के एक सर्वे के मुताबिक देश का ग्रास एक्सपेंडिचर 2008 से 2018 के बीच तीन गुना तक बढ़ गया है. इसमें सबसे अधिक योगदान गवर्नमेंट सेक्टर का है.
आरएंडडी स्टैटिस्टिक्स एंड इंडिकेटर्स 2019-20 के मुताबिक, आरएंडडी पर ग्रॉस एक्सपेंडिचर 2007-08 ने 39437.77 करोड़ रुपये था जो 2017-18 तक बढ़कर 113825.03 करोड़ रुपये हो गया. इस अवधि में प्रति व्यक्ति आरएंडडी पर खर्च 2007-08 में 29.2 डॉलर से बढ़कर 2017-18 में बढ़कर 47.2 डॉलर हो गया. हालांकि इसके बावजूद ब्रिक्स देशों में तुलना करें तो भारत जीडीपी की तुलना में बहुत कम खर्च करता है.
ब्रिक्स देशों में शुमार ब्राजील आरएंडडी पर जीडीपी के 1.3 फीसदी, रूस 1.1 फीसदी, चीन 2.1 फीसदी और दक्षिण अफ्रीका 0.8 फीसदी खर्च करता है जबकि भारत अपनी जीडीपी का 0.7 फीसदी ही आरएंडडी पर खर्च करता है.
पेटेंट की बात करें तो 2017-18 में भारत में 47854 पेटेंट्स फाइल किए गए थे. इसमें से 32 फीसदी (15,550) पेटेंट भारतीयों द्वारा फाइल किए गए थे. रेजिडेंट पेटेंट फाइलिंग के मामले में भारत दुनिया में नौवें स्थान पर है. भारत में सबसे अधिक पेटेंट मैकेनिकल, केमिकल, कम्प्यूटर/इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्यूनिकेशंस को लेकर फाइल किए गए. भारत का पेटेंट ऑफिस दुनिया में टॉप 10 पेटेंट फाइलिंग ऑफिसेज के मामले में दुनिया भर में 7वें स्थान पर है.
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1 फरवरी को आएगा अगले वित्त वर्ष का बजट
वित्त वर्ष 2021-22 का बजट 1 फरवरी को पेश होगा. इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. इस बार बजट की खास बात यह है कि यह कोरोना महामारी के दौर में पेश हो रहा है और सबसे बड़ी चुनौती अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए कोशिशों का है. आरएंडडी के जरिए पीएम मोदी की महत्वाकंक्षी योजना आत्मनिर्भर भारत को मजबूती मिल सकती है. कुछ दिनों पहले इंडस्ट्री बॉडी क्रॉपलाइफ इंडिया ने भी सरकार से एग्रोकेमिकल्स कंपनियों को आरएंडडी पर किए गए खर्च पर 200 फीसदी का डिडक्शन देने का अनुरोध कर चुकी है. क्रॉप प्रोटेक्शन को लेकर रिसर्च और डेवलपमेंट वाली कंपनियों के एसोसिएशन क्रॉपइंडिया प्रोटेक्शन के मुताबिक बेहतर आरएंडडी में छूट मिलने से किसानों को भी फायदा होगा.
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