
Union Budget 2021: बजट 2021 को पेश किए जाने को लेकर तैयारियां जोरों-शोरों से जारी हैं. इस बीच विभिन्न सेक्टर्स की ओर से बजट डिमांड्स और सुझावों में भी तेजी है. सराफा उद्योग (Bullion Industry) ने भी वित्त मंत्रालय को गोल्ड इंडस्ट्री के लिए सालाना आम बजट में शामिल किए जा सकने वाले सुझावों को भेज दिया है. पूरे भारत के बुलियन व ज्वैलरी ट्रेडर्स के शीर्ष संगठन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन ने गोल्ड पर कम इंपोर्ट ड्यूटी, कम जीएसटी दर के साथ-साथ कुछ अन्य सुझावों को भी वित्त मंत्रालय को भेजा है.
ये सुझाव नीति आयोग द्वारा जारी गोल्ड रिपोर्ट की सिफारिशों के आधार पर दिए गए हैं. बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के मुताबिक, सरकार बजट 2021 में गोल्ड इंडस्ट्री के इन कदमों पर विचार कर सकती है-
- गोल्ड की दोनों फॉर्म (बुलियन व माइन डोर) के आयात पर शुल्क घटाया जाए.
- एक्सपोर्टर द्वारा कस्टमर ड्यूटी के साथ भुगतान किए जाने 3 फीसदी IGST से बैंक गारंटी के प्रावधान के साथ छूट दी जाए. इसे विदेशी खरीदार द्वारा गोल्ड सप्लाई पर भी लागू किया जाए.
- गोल्ड पर तीन फीसदी की GST दर को उचित स्तर तक घटाया जाए. दूसरे राज्यों से गोल्ड प्राप्त करने वाले जॉब वर्कर्स को GST रजिस्ट्रेशन से छूट देने पर विचार किया जाए.
- GST के तहत छूट के लिए 20 लाख रुपये की लिमिट को वैल्यू एडेड के आधार पर संशोधित किया जाए.
- गोल्ड डेरिवेटिव्स पर CTT (कमोडिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स) और गोल्ड संबंधी फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स के लिए कैपिटल गेन्स टैक्स एग्जेंप्शन प्रावधान को हटाया जाए.
- सर्च और सीजर प्रक्रियाओं के मामले में किसी पुरुष के पास मौजूद 100 ग्राम तक की गोल्ड ज्वैलरी, अविवाहित महिला के पास 250 ग्राम तक की ज्वैलरी और विवाहित महिला के पास 500 ग्राम तक की ज्वैलरी को सीज किए जाने से छूट प्राप्त है. इसे असेसमेंट प्रोसिडिंग्स के लिए भी लागू किया जाए और एक्सप्लेन्ड इनकम के तौर पर देखा जाए.
- ज्वैलरी की रिपेयर सर्विस के लिए GST रेट को 18 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी किया जाए.
इसके अलावा एसोसिएशन ने नीति आयोग गोल्ड रिपोर्ट द्वारा गठित उप-समिति के सुझावों को भी वित्त मंत्रालय को भेजा है और बजट 2021 में उन्हें शामिल करने का आग्रह किया है.
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