
Union Budget 2021 Expectations for Senior Citizens: आमतौर पर सरकार बजट में वरिष्ठ नागरिकों जिंदगी पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कुछ कदम जरूर उठाती है. इसी तरह अगले बजट 2021 से भी वरिष्ठ नागरिकों की उम्मीदें लगी हुई हैं. केंद्र सरकार और केंद्रीय बैंक आरबीआई ने इकोनॉमिक ग्रोथ सुनिश्चित करने के लिए कुछ समय से ब्याज दरों को कम रखे हुए हैं. इससे रिटायर्ड निवेशकों को नुकसान हुआ है. अधिकतर वरिष्ठ नागरिक अपनी दैनिक जरूरतों के लिए फिक्स्ड इनकम इंवेस्टमेंट्स करते हैं. बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट्स अधिकतर सीनियर सिटीजंस की पहली पसंद होती है जिन पर इस समय 6 फीसदी से भी कम की दर पर ब्याज मिल रहा है. इसके अलावा बैंक फिक्स्ड डिपॉडिट्स से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स भी चुकाना पड़ता है.
सेबी रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एडवाइजर और हम फौजी इनीशिएटिव्स के सीईओ कर्नल संजीव गोविला (रिटायर्ड) के मुताबिक पिछले दो साल साल से फिक्स्ड इनकम स्कीम की ब्याज दरें तेजी से कम हुई हैं जिससे अधिकतर वरिष्ठ नागरिकों को नुकसान हुआ है. गोविला के मुताबिक सरकार को वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली आय के लिए एग्जेंप्शन लिमिट बढ़ानी चाहिए. हम फौजी एक फाइनेंसियल प्लानिंग फर्म है जो मुख्य रूप से आर्म्ड फोर्सेज ऑफिसर्स और उनके परिवार के लिए वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराता है. इसके अलावा एन्यूटी को लेकर गोविला का कहना है इस पर सरकार को टैक्स राहत देनी चाहिए.
वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष योजनाएं शुरू करने की मांग
वरिष्ठ नागरिकों, खासतौर पर रिटायर्ड लोगों, को अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए एक निश्चित आय की जरूरत पड़ती है. 60 साल या इससे अधिक की उम्र के लोग कई प्रकार के निवेश विकल्पों का चयन करते हैं हालांकि सभी विकल्पों से उन्हें नियमित तौर पर ब्याज नहीं मिलता है. वहीं कुछ विकल्पों में जमा पैसे पर नियमित तौर पर आय प्राप्त होती है, जैसे कि बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट्स, प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY), डाकघर मासिक आय योजना (POMIS), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS), जीवन बीमा कंपनियों की तुरंत एन्यूटी प्लान्स और फ्लोटिंग रेट सेविंग बांड्स 2020. इन सभी निवेश पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है.
टैक्स एंड रेगुलेटरी सर्विसेज, बीडीओ इंडिया के एसोसिएट पार्टनर रघुनाथन पार्थसारथी का कहना है कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई विशेष पेंशन या सेवानिवृत्ति योजना नहीं है, उन्हें अपने निवेश और एफडी से मिलने वाले ब्याज के सहारे अपनी दैनिक जरूरतों का खर्च पूरा करना होता है. पार्थसारथी के मुताबिक सरकार से यह उम्मीद की जानी चाहिए कि वह वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष योजनाएं शुरू करेगी जिससे होने वाली आय पर टैक्स छूट मिलेगी.
एन्यूटी को टैक्सफ्री बनाने की मांग
एनपीएस या अन्य पेंशन स्कीम से मिलने वाले एन्यूटी या पेंशन पर टैक्स चुकाना पड़ता है. हालांकि कम्यूटेड अमाउंट (एकमुश्त मिलने वाली राशि) पर टैक्स एग्जेंप्शन मिला हुआ है लेकिन मासिक या सालाना तौर पर मिलने वाले एन्यूटी पर टैक्स चुकाना पड़ता है. इस वजह से वरिष्ठ नागरिक एक बार में ही एन्यूटी अमाउंट की बड़ी राशि ले लेते हैं जिससे उसके बाद की उम्र में उन्हें वित्तीय समस्याएं झेलनी पड़ती हैं. गोविला का कहना है कि सरकार को एन्यूटी पर टैक्स फ्री बेनेफिट्स देना चाहिए.
(Story By: Sunil Dhawan)
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