
Indian Union Budget 2021-22: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने 15 अगस्त 2019 को देश के हर घर में पाइप के जरिए पानी मुहैया कराने के लिए एक मिशन का एलान किया था. इसका नाम जल जीवन मिशन है. जल जीवन मिशन 3.60 लाख करोड़ रुपये की योजना है. बजट 2020 में जल जीवन मिशन के लिए 11,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. लेकिन बाद में यह बजट बढ़ गया. जल शक्ति मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में, जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए 23,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
इसके अलावा 2020-21 में ग्रामीण स्थानीय निकायों को 15वें वित्त आयोग का 50 फीसदी अनुदान, यानी 30,375 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा रहा है. इसका उपयोग जलापूर्ति और स्वच्छता के लिए किया जाएगा. इससे गांवों में पेयजल आपूर्ति प्रणालियों के बेहतर नियोजन, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव में मदद मिलेगी, ताकि लोगों को नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पीने योग्य पानी मिलता रहे.
278 लाख घरों में नल से शुद्ध पीने का पानी पहुंचा
मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, जल जीवन मिशन के तहत अब तक 278 लाख घरों को नल जल कनेक्शन मिल चुका है. फिलहाल देश के 6.01 करोड़ ग्रामीण घरों में नल के माध्यम से पीने योग्य पानी मिल रहा है. देश भर में 18 जिलों ने सभी घरों में नल जल कनेक्शन प्रदान किए हैं. जल शक्ति मंत्रालय देश के प्रत्येक ग्रामीण घर में नल जल कनेक्शन के माध्यम से नियमित और दीर्घकालिक आधार पर निर्धारित गुणवत्ता के लिए पर्याप्त मात्रा में पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्यों के साथ साझेदारी में जल जीवन मिशन को 2024 तक लागू करने में जुटा है.
जल जीवन मिशन के हिस्से
इसके तहत जल संचय, सिंचाई के लिए जल, समुद्री पानी का इस्तेमाल, वेस्ट वाटर का इस्तेमाल, कम पानी में खेती आदि शामिल हैं. स्थानीय जल स्रोतों को बढ़ाने, वर्तमान स्रोतों को पुन: जल से परिपूर्ण करने जैसी प्रोत्साहन गतिविधियां शामिल हैं. मिशन के तहत ग्रामीणों को चिनाई, प्लंबिंग, बिजली के पहलुओं, मोटर-मरम्मत, आदि के बारे में जानकारी दी जा रही है ताकि ग्रामीण स्तर पर मानव संसाधन को प्रशिक्षित किया जा सके.
मंत्रालय का कहना है कि जल जीवन मिशन के अस्तित्व में आने के बाद, राज्यों से आधारभूत डेटा के पुनर्मूल्यांकन कार्य का अनुरोध किया गया था. उसके अनुसार देश में 19.05 करोड़ ग्रामीण परिवार हैं, जिनमें से 3.23 करोड़ परिवारों को पहले ही नल जल कनेक्शन प्रदान किए गए थे. शेष 15.81 करोड़ घरों में नल जल कनेक्शन दिए जाने हैं. इस प्रकार पहले से ही दिए गए कनेक्शनों की कार्यक्षमता सुनिश्चित करते हुए समयबद्ध तरीके से लगभग 16 करोड़ परिवारों को कवर करने का लक्ष्य है. इसका मतलब है कि हर साल लगभग 3.2 करोड़ परिवारों को कवर किया जाना है, यानी दैनिक आधार पर 88,000 नल जल कनेक्शन प्रदान किए जाने हैं. इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश ग्रामीण क्षेत्रों में नल जल कनेक्शन प्रदान करने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं.
इन संगठनों के साथ हो रही साझेदारी
जल जीवन मिशन के तहत संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, गैर-सरकारी संगठनों/सीबीओ, सीएसआर संगठनों, ट्रस्टों, प्रतिष्ठानों आदि सहित प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ साझेदारी कायम की जा रही है. विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने 2024 से पहले मिशन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्धता दर्शायी है.
डिसेंट्रलाइज्ड प्रोग्राम होने के नाते, ग्राम पंचायत की उप-समिति के रूप में ग्रामीण स्तर पर न्यूनतम 50 फीसदी महिला सदस्यों के साथ ग्राम जल और स्वच्छता समितियां (वीडब्ल्यूएससी)/पानी समिति बनाई जा रही है. ये जल-स्रोतों के विकास, आपूर्ति, ग्रे-वाटर प्रबंधन, संचालन और रखरखाव पर विचार करते हुए 5 वर्षीय ग्राम कार्य योजना (वीएपी) तैयार करने के लिए जिम्मेदार हैं.
राज्यों का स्टेटस
- गोवा ने पहले ही सभी घरों में नल जल आपूर्ति सुनिश्चित कर ली है.
- 2021 में बिहार, पुडुचेरी और तेलंगाना ने सभी घरों में नल का जल कनेक्शन प्रदान करने की योजना बनाई है.
- गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, मेघालय, पंजाब, सिक्किम राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने 2022 के लिए योजना बनाई है.
- कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, केरल, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़ ने 2023 में 100 फीसदी कवरेज की योजना बनाई है.
- असम, आंध्र प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने 2024 के लिए योजना बनाई है.
UP के विंध्यांचल में प्रॉजेक्ट शुरू
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नवंबर माह में उत्तर प्रदेश के विंध्याचल क्षेत्र के मिर्जापुर और सोनभद्र जिलों में ग्रामीण पेयजल सप्लाई प्रॉजेक्ट्स की आधारशिला रखी थी. 5,555.38 करोड़ रुपये के प्रॉजेक्ट्स की मदद से मिर्जापुर और सोनभद्र दोनों जिलों के 42 लाख ग्रामीणों को पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य है. ऐसा मिर्जापुर में 9 और सोनभद्र में 14 योजनाओं के जरिए किया जाएगा.
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