
किसान आंदोलन जैसे मुद्दों पर बहस के लिए कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखा था. उन्होंने मांग की थी कि संसद के शीतकालीन सत्र को शुरू किया जाए, चाहे यह कुछ ही दिनों के लिए ही हो. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने उन्हें पत्र के जरिए सूचित किया कि कोरोना महामारी के चलते इस बार शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं किया जा सकता है और अब अगले साल जनवरी में सीधे बजट सत्र का आयोजन होगा. केंद्र सरकार के मुताबिक शीतकालीन सत्र को न आयोजित करने पर कई पार्टियों के फ्लोर लीडर्स भी सहमत हैं, जिनसे इस मुद्दे पर इस संपर्क किया गया था.
यह भी पढ़ें- क्या मिस्टर बेकर्स आईपीओ में लगाना चाहिए पैसे? निवेश से पहले जान लें जरूरी बातें
पिछले साल बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हुआ था और उसके पिछले साल 2018 में यह 28 जनवरी से शुरू हुआ था. कांग्रेस नेता चौधरी का कहना है कि उन्होंने शीत सत्र को आयोजित नहीं किए जाने का सुझाव नहीं दिया था बल्कि उन्होंने इसे आयोजित करने का सुझाव दिया था. उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार संसद में किसान विरोध जैसे मुद्दे पर प्रश्नों से भागने की कोशिश कर रही है.
कई पार्टियों के फ्लोर लीडर्स भी सरकार से सहमत
चौधरी को भेजे पत्र में जोशी ने लिखा है कि कोरोना महामारी के चलते मानसून सत्र कुछ देरी से सितंबर में शुरू हुआ था. कोरोना के चलते कई जरूरी प्रीकॉशनरी प्रोटोकॉल भी फॉलो करने पड़े थे. जोशी ने लिखा है कि इस बार का मानसून सत्र सबसे बेहतर सत्रों में से एक रहा क्योंकि इस बार मानसून सत्र में दोनों हाउस से लगातार 10 बैठक के दौरान 27 बिल पास हुए.जोशी ने अपने पत्र में लिखा है कि कोरोना संक्रमण के एक बार फिर से बढ़ते मामलों के कारण स्थिति फिर से गंभीर हुई है और दिल्ली में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. यह भी पढ़ें- क्रिप्टोकरंसी से होने वाली आय को ITR में कैसे दिखाएं, क्या कहते हैं एक्सपर्ट? पत्र के मुताबिक सरकार ने कई पार्टियों के फ्लोर लीडर्स से अनौपचारिक तौर पर संपर्क किया और वे सभी कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से चिंतित दिखे और शीतकालीन सत्र को न आयोजित करने पर सहमत दिखे. जोशी ने लिखा है कि अब सबसे जल्दी जो संसदीय सत्र आयोजित हो सकता है, वो बजट सत्र है. यह अगले साल जनवरी में होगा.
चौधरी ने केंद्र पर लगाया सवालों से भागने का आरोप
इस बारे में जब चौधरी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि जब कई राज्यों में एसेंबली सेशंस आयोजित हो रहे हैं तो उसी देश में संसद अपवाद क्यों रहे. चौधरी के मुताबिक यह सरकार द्वारा अपनी असफलताओं को छुपाने का तरीका है. सरकार किसी भी मुद्दे पर इस समय संसद में सवाल-जवाब से बचना चाहती है. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार किसान आंदोलन जैसे कुछ मुद्दों पर घबरा गई है और इसलिए वह इस बार संसद के शीतकालीन सत्र का आयोजन नहीं करना चाहती है.
Get Business News in Hindi, latest India News in Hindi, and other breaking news on share market, investment scheme and much more on Financial Express Hindi. Like us on Facebook, Follow us on Twitter for latest financial news and share market updates.