
LIC IPO: यदि आप LIC के बीमाधारक हैं, तो आपको उसके IPO में कमाई का बेहतर मौका मिल सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि LIC IPO इश्यू साइज का 10 फीसदी तक बीमाधारकों के लिए आरक्षित यानी रिजर्व रहेगा. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को संसद में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आईपीओ के बाद भी सरकार के पास बहुलांश हिस्सेदारी रहेगी और वह बीमाधारकों के हितों के मद्देनजर प्रबंधन पर अपना नियंत्रण जारी रखेगी. वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्य सभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि वित्त विधेयक 2021-22 में प्रतिस्पर्धात्मक आधार पर रिजर्वेशन प्रस्तावित किया गया है. एलआईसी के जीवन बीमा धारकों के लिए यह इश्यू साइज का 10 फीसदी तक होगा.
बजट भाषण 2021 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि 1 अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2021-22 में एलआईसी का आईपीओ लॉन्च किया जाएगा. एलआईसी संसोधन विधेयक को वित्त विधेयक यानी फाइनेंस बिल का हिस्सा बनाया गया है, जिससे कि आईपीओ के लिए जरूरी विधायी संसोधन किया जा सके. सरकार की योजना एलआईसी में अपनी 25 फीसदी हिस्सेदारी कम करने की है.
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अक्टूबर बाद आ सकता है LIC IPO
LIC का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) इस साल अक्टूबर के बाद आ सकता है. हाल ही में एक साक्षात्कार में डिपार्टमेंट आफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनजमेंट (DIPAM) सचिव तुहिन कांत पांडे ने यह संकेत दिए थे. उन्होंने कहा था कि सरकारी विमानन कंपनी एअर इंडिया और तेल कंपनी बीपीसीएल की बिक्री चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही यानी इस साल सितंबर तक पूरी हो जाएगी. पिछले साल ही एलआईसी का आईपीओ आना था, लेकिन कुछ वजहों से इसमें देरी हुई. माना जा रहा है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से LIC का IPO आने में देरी हुई है.
बता दें, एलआईसी की वैल्यू आंकने के लिए आईपीओ से पहले विभाग ने चुनिंदा एक्सुरियल फर्म मिलिमैन एडवाइर्स का चयन किया है. जबकि डेलॉय और एसबीआई कैप को प्री-आईपीओ ट्रांजैक्शन एडवाइजर नियुक्त किया गया है.
विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ जुटाने का लक्ष्य
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. सरकार 2 सरकारी बैंकों और 1 इंश्योरेंस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचकर यह अगले वित्त वर्ष में यह रकम जुटाएगी. वित्त मंत्री ने कहा कि 4 स्ट्रेटेजिक सेक्टर्स को छोड़कर सभी PSUs में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचेगी. नीति आयोग से उन PSUs की लिस्ट बनाने के कहा गया है जिनमें सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचेगी.
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) के विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था. हालांकि, कोविड-19 महामारी की वजह से पैदा हुई परिस्थितियों के मद्देनजर सरकार ने चालू वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य में भारी कटौती कर इसे 32,000 करोड़ रुपये कर दिया है. वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य में से एक लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों में सरकार की हिस्सेदारी बिक्री से जुटाए जाएंगे. 75,000 करोड़ रुपये सीपीएसई विनिवेश से आएंगे.
(Input: PTI)
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