
Economic Survey 2020-21 Internet: मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) केवी सुब्रमण्यन ने शुक्रवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 को लॉन्च किया, जिसे सुबह संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया. सीईए ने आर्थिक सर्वेक्षण का मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया. बजट से पहले आर्थिक सर्वे में शुक्रवार को कहा गया है कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट और ब्रॉडबैंड की पहुंच तेजी से आगे बढ़ी है. और डेटा की घटी कीमत से तेज रफ्तार पर किफायती एक्सेस में मदद मिलेगी.
डिजिटल भेदभाव को खत्म करना होगा
सर्वे में JAM-ट्रिनिटी (जनधन आधार मोबाइल) आधारित सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं और सरकार की प्रो-डेवलपमेंट योजनाओं को लागू करने में टेलिकॉम सेक्टर की मुख्य भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि डिजिटल भेदभाव का समाधान करने के लिए हर भारतीय नागरिक को समावेशी इंटरनेट की पहुंच देकर कोशिश की जा रही है.
इसमें कहा गया है कि इंटरनेट और ब्रॉडबैंड की पहुंच शहरी और ग्रामीण इलाकों में तेजी से बढ़ी है. सर्वे के मुताबिक, सरकार ने अपने डिजिटल इंडिया कैंपेन के तहत, सभी के लिए ब्रॉडबैंड उपलब्ध कराने पर मजबूत जोर दिया है. दुनिया भर में विकास और गरीबी कम करने में टेलिकॉम सेक्टर को शक्तिशाली हथियार के तौर पर देखा जा रहा है.
डेटा का इस्तेमाल बढ़ा
आर्थिक सर्वे में वायरलेस डेटा के इस्तेमाल में कई गुना ग्रोथ का जिक्र करते हुए कहा गया है कि प्रति सब्सक्राइबर वायरलेस डेटा खपत का औसत मासिक आंकड़ा मार्च 2019 में 9.1 GB से बढ़कर जून 2020 में 12.2 GB तक पहुंच गया है. इसमें कहा गया है कि डेटा की कम कीमत से लोगों को तेजी से किफायती इंटरनेट मिल रहा है. जून 2020 में वायरलेस डेटा की कीमत 10.55 रुपये प्रति GB पर है. सरकार ने डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कई कदम उठाए हैं.
इसमें कहा गया है कि प्रोजेक्ट के तहत ब्रॉडबैंड हाइवे में नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर को स्थापित किया जा रहा है, जो ग्रामीण इलाकों में नागरिकों और संस्थानों को बिना किसी भेदभाव के किफायती ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध कराएगा.
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