Budget Expectations 2022: अगले वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट कोरोना महामारी के दौर में पेश होने वाला है. ऐसे में इस बजट से उम्मीदें लगाई जा रही हैं कि यह मांग को बढ़ावा देगा और रोजगार के अधिक मौके बनेंगे. कोरोना महामारी के दौर में लोगों के स्वास्थ्य खर्च में बढ़ोतरी हुई है तो वर्क फ्रॉम होम कल्चर ने भी खर्च बढ़ाया है. वहीं रोजगार की बढ़ती अनिश्चितता के चलते आकस्मिक फंड बनाने की जरूरत मजबूत हुई है. ऐसे में आगामी बजट से उम्मीदें हैं कि सरकार धारा 80 C के तहत निवेश पर टैक्स छूट का दायरा बढ़ा सकती है जिससे न सिर्फ आम निवेशकों को लाभ होगा, बल्कि घरेलू निवेश का लक्ष्य हासिल करने में भी मदद मिलेगी.
अगले वित्त सत्र 2022-23 के लिए बजट पेश होने का काउंटडाउन शुरू हो चुका है और अगले महीने 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अगला बजट पेश कर सकती हैं. यह उनका चौथा बजट होगा. आम बजट से आम से लेकर खास की उम्मीदें जुड़ी होती हैं. कोरोना महामारी की मौजूदा कठिन परिस्थितियों में निवेशकों की अगले वित्त वर्ष 2022-23 के बजट से बड़ी उम्मीदें हैं.
रिटायरमेंट योजना
पिछले साल 2021 में देश में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या करीब 1.31 करोड़ रुपये थी जो अगले 20 वर्षों में यानी कि वर्ष 2041 तक2.39 करोड़ होने का अनुमान है. एक उम्र के बाद नियमित आय की कोई साधन नहीं रहता है तो ऐसे वक्त में रिटायरमेंट प्लान बहुत मददगार साबित होता है. हालांकि अपने यहां लोगों के पास पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा या सेवानिवृत्ति लाभ नहीं हैं. सरकार ने एनपीएस में टैक्स बेनेफिट के जरिए लोगों को इसके प्रति प्रोत्साहित किया लेकिन अभी और कुछ किए जाने की जरूरत है. इसके लिए सरकार सेक्शन 80सी की सीमा को बढ़ाने पर विचार कर सकती है. इससे लोगों को बचत करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और वे बेहतर तरीके से रिटायरमेंट की योजना बना सकेंगे.
महंगाई और कोविड से जुड़ी राहत
मौजूदा दौर में वैश्विक स्तर पर महंगाई की ऊंची दर और मंहगे कच्चे तेल के साथ इसकी आपूर्ति में दिक्कतों के चलते जरूरी चीजों के भाव में बढ़ोतरी हो सकती है और इस वजह से ब्याज दरें बढ़ने की आशंका है. कोरोना महामारी के चलते दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवाएं महंगी हुई हैं और इसके चलते अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों ने कोविड से संबंधित मेडिकल खर्चों में टैक्स राहत की शुरुआत की है. भारत में ऐसे कुछ प्रावधान किए जा सकते हैं. ऐसे में टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि सरकार सेक्शन 80डी के तहत राहत को बढ़ा सकती है. यह राहत हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर छूट के अतिरिक्त हो सकता है.
‘वर्क फ्रॉम होम’ के खर्चों पर राहत की उम्मीद
कोरोना महामारी के चलते दुनिया भर में वर्क फ्रॉम होम का कल्चर बढ़ रहा है. हालांकि इसके चलते कर्मियों का अतिरिक्त खर्च बढ़ा है. ऑफिस के काम के लिए उन्हें इंटरनेट कनेक्टिविटी, घर पर ऑफिस सेटअप करने, इलेक्ट्रिसिटी इत्यादि अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ रहा है. ऐसे में सरकार अगले वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में इन खर्चों के लिए अलग से टैक्स राहत का प्रावधान कर सकती है.
(आर्टिकल: तरूण बिरानी, बोर्ड मेंबर, एसोसिएशन ऑफ रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एडवाईजर्स (आरिया ))