Budget 2023 Stock Market Wish List: मोदी सरकार 2024 के आम चुनाव से पहले अपने आखिरी फुल बजट 1 फरवरी 2023 को पेश करने जा रही है. दुनिया की अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं में उथल-पुथल के बावजूद भारत टॉप निवेश स्थलों में से एक रहा है, इसलिए दुनिया भर के निवेशकों की नजर इस बार बजट 2023 पर होगी. आगामी बजट में इनफ्लेशन, डिमांड में बढ़ोतरी, रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को सस्टेनेबल 8 फीसदी से अधिक की दर से ग्रोथ ट्रैक पर लाने जैसे महत्वपूर्ण बातों पर फोकस रहने की उम्मीद है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने का मार्ग आगामी बजट में भी जारी रहने की संभावना है. हालांकि इस बीच शेयर बाजार और बाजार के निवेशकों की भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कुछ उम्मीदें हैं.
टैक्स कटौती की उम्मीद बेहद कम
Tradingo के फाउंडर पार्थ न्याती का कहना है कि आम तौर पर बजट से पहले निवेशक इनकम टैक्स में कटौती चाहता है और यह कंजम्पशन को बढ़ावा देने में मददगार भी है. लेकिन इस बजट 2023 में टैक्स पर राहत मिलने की उम्मीद कम है. सरकार के पास इनडायरेक्ट टैक्स से एक मजबूत कलेक्शन है, लेकिन यहां सरकार का खजाना घटने और महंगाई के डर से टैक्स कटौती के मामले में सरकार के हाथ बंधे रहेंगे. वहीं सरकार टैक्स कटौती के लिए जाती भी है, तो यह कैपेक्स पर खर्च करने की क्षमता को प्रभावित करेगी.
रूरल सेक्टर पर रहेगा फोकस
उनका कहना है कि आगामी बजट रूरल सेक्टर पर फोकस हो सकता है. कल्याणकारी योजनाओं के विस्तार सहित ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर अतिरिक्त खर्च की आवश्यकता हो सकती है. हम इनकम टैक्स में किसी तरह की कटौती की उम्मीद नहीं कर रहे हैं, लेकिन सरकार को टैक्स की जटिलताओं को आसान बनाना चाहिए. इस बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के अलावा, आवास, इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर प्रमुख फोकस वाले एरिया होंगे.
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लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर राहत
पार्थ न्याती का कहना है कि निवेशक जब पहले से ही STT के संदर्भ में टैक्स की एक बड़ी राशि का भुगतान कर रहे हैं, सरकार को भारत में निवेश और ज्यादा आकर्षित करने के लिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर राहत देना चाहिए. वित्त मंत्रालय और सेबी को कुछ अन्य मुद्दों पर भी विचार करना चाहिए. इटरनेशनल मार्केट के साथ तालमेल बेहतर होना चाहिए. सरकार को छोटे शहरों में निवेशकों के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम को बढ़ावा देना चाहिए.
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कैपिटल गेंस के लिए एक समान टैक्स स्ट्रक्चर
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के इक्विटी रिसर्च हेड नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि इक्विटी निवेशक आम चुनाव से अपने आने वाले बजट 2023 में कैपिटल गेंस के लिए एक समान टैक्स स्ट्रक्चर की उम्मीद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा निवेशक राजकोषीय समेकन भी चाहेंगे, जो अर्थव्यवस्था में वित्तीय स्थिरता के लिए जरूरी है. निवेशक ग्रोथ की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए नीतिगत सुधारों की उम्मीद भी कर रहे हैं. इन सुधारों में सब्सिडी, विनिवेश लक्ष्यों के लिए एक स्पष्ट दिशानिर्देश और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण में तेजी लाना शामिल है.
फिस्कल डेफिसिट पर रहेगी नजर
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि बाजार की नजर वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटे पर रहेगी. 6 फीसदी से ऊपर का आंकड़ा बाजार को निराश करेगा, लेकिन इसकी आशंका कम है. उन्होंने कहा कि कैपिटल गेंस टैक्स में अगर बढ़ोतरी की गई, तो बाजार पर निगेटिव असर पड़ सकता है. जार्विस इंवेस्ट के संस्थापक और सीईओ सुमित चंदा ने कहा कि यदि सैलरीड क्लास और कॉरपोरेट के हाथों में अधिक खर्चयोग्य आय होगी तो इससे बाजार चढ़ेगा. टैक्स स्लैब में कोई भी बदलाव या कॉरपोरेट को कोई भी प्रोत्साहन से बाजार में बजट के बाद तेजी की उम्मीद की जा सकती है.