Budget 2022 Expectations For Stock Market: साल 2022 के लिए आम बजट पेश होने में अब गिनती के दिन रह गए हैं. बजट के पहले शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. हालांकि उम्मीद है कि बजट के दिन सरकार की घोषणाओं से बाजार को बूस्ट मिलेगा. वैसे भी यह बजट तब पेश होने जा रहा है, जब देश इकोनॉमिक रिकवरी के रास्ते पर है. ऐसे में तकरीबन हर सेग्मेंट को उम्मीद है कि सरकार इस बजट को ग्रोथ ओरिएंटेड ही रखेगी. शेयर बाजार के एक्सपर्ट का कहना है कि बजट में कुछ ऐसे एलानों की उम्मीद है, जिससे बाजार न सिर्फ घरेलू निवेशकों के लिए बल्कि विदेशी निवेशकों के लिए भी इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली बन सके. वहीं कंजम्पशन को बढ़ाने के लिए भी क्लीयर रोडमैप पेश करना चाहिए. टैक्स के मोर्चे पर भी राहत मिलने की उम्मीद है. इन सभी मसलों पर फाइनेंशियल एक्सप्रेस हिंदी ने एक्सपर्ट की राय जाननी चाही है.
इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली बनें भारतीय बाजार
Tradingo के फाउंडर पार्थ न्याती का कहना है कि यूनियन बजट अब पेश होने में कम ही दिन रह गया है, ऐसे में हर सेक्टर की निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के एलानों पर लगी हैं. भारतीय शेयर बाजार का दायरा धीरे धीरे बढ़ रहा है. ऐसे में सरकार को कुछ ऐसे उपाय करने चाहिए जिससे निवेशकों के लिए बाजार और ज्यादा इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली बन सके. इसके लिए ट्रांजेक्शन कास्ट को घटाने पर ध्यान देना चाहिए, जो भारत में पहले से ही बहुत ज्यादा है. ट्रांजेक्शन कास्ट घटने पर ज्यादा से ज्यादा विदेशी निवेशक भी भारतीय बाजारों की ओर आकर्षित होंगे.
एक तो ट्रांजेक्शन कास्ट ज्यादा है, दूसरा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) और सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) की वजह से निवेशकों का सेंटीमेंट और बिगड़ता है. इसलिए बजट में इनपर कुछ राहत की उम्मीद है. उनका कहना है कि आने वाले बजट में STT, स्टांप ड्यूटी और GST पर मिलने वाली राहत डिस्काउंट ब्रोकरेज इंडस्ट्री के लिए भी बड़ा बूस्टर साबित हो सकता है.
कंजम्पशन बढ़ाने के लिए क्लीयर रोडमैप
Swastika Investmart Ltd. के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील न्याती का कहना है कि पिछले साल जिस तरह से बजट ग्रोथ ओरिएंटेड था, इस बार भी सरकार से उसी तरह की उम्मीदें हैं. उनका कहना है कि उम्मीद है कि सरकार अपने फिस्कल एक्सपेंडिचर को हाई बनाए रखेगी. वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी फोकस रहने की उम्मीद है. उनका कहना है कि हाउसिंग लोन पर टैक्स बेनेफिट बढ़ाने की जरूरत है. वहीं कंजम्पशन को बढ़ाने के लिए क्लीयर रोडमैप की जरूरत है.
एसेट मोनेटाइजेशन और विनिवेश जैसे मामलों पर बाजार सरकार से और ज्यादा क्लेरिटी की उम्मीद करता है. जहां तक टैक्स की बात है बजट में सरकार या तो STT को हटाए या इसे कम करे. LTCG और STT दोनों का होना निवेशकों के हित में नहीं है. सरकार रियल एस्टेट और ऑटो क्षेत्र के लिए बड़े एलान कर ज्यादा से ज्यादा जॉब देने पर फोकस कर सकती है.