Budget 2022: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अगले वित्त वर्ष 2022-23 का बजट अगले महीने के पहले दिन पेश करेंगी. आमतौर पर बजट से ठीक एक दिन पहले सरकार संसद में इकनॉमिक सर्वे (Economic Survey) पेश किया जाता है, हालांकि पिछले साल इसे 29 जनवरी को पेश किया गया था. आर्थिक सर्वेक्षण (इकनॉमिक सर्वे) कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि इसमें अर्थव्यवस्था की पूरी तस्वीर पेश की जाती है और पूरा लेखा-जोखा रहता है. यह बजट का मुख्य आधार है.
देश की सेहत का लेखा-जोखा है इकोनॉमिक सर्वे
इकनॉमिक सर्वे देश की आर्थिक सेहत का लेखा-जोखा होता है. इसके जरिए सरकार देश को अर्थव्यवस्था की हालत के बारे में बताती है. इसमें साल भर में विकास का क्या ट्रेंड रहा, किस क्षेत्र में कितनी पूंजी आई, विभिन्न योजनाएं किस तरह लागू हुईं इत्यादि इन सभी बातों की जानकारी होती है. इसमें सरकारी नीतियों की जानकारी होती है.
बजट का मुख्य आधार है आर्थिक सर्वे
आर्थिक सर्वे को बजट का मुख्य आधार माना जाता है. हालांकि इसकी सिफारिशें सरकार लागू ही करे, ऐसा जरूरी नहीं होता है. इसमें सरकारी नीतियों, प्रमुख आर्थिक आंकड़े और क्षेत्रवार आर्थिक रूझानों के बारे में विस्तृत जानकारी होती है. इसे दो हिस्सों में पेश किया जाता है. पहले हिस्से में अर्थव्यवस्था की हालत बताई जाती है और दूसरे हिस्से में प्रमुख आंकड़े होते हैं.
कोरोना की तीसरी लहर के बीच पेश होगा आम बजट
अगले वित्त वर्ष 2022-23 का बजट ऐसे समय में पेश होने वाला है, जब देश में कोरोना की तीसरी लहर चल रही है और कोरोना वायरस के नए वैरिेएंट ओमिक्रॉन के चलते इकनॉमी पर निगेटिव असर दिख रहा है. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की चौथा बजट होगा जिसमें कोरोना के झटकों से इकनॉमी को उबारने के उपाय किए जा सकते हैं.