Budget 2022 Expectations: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अपना चौथा बजट पेश करने जा रही हैं. इस साल के बजट से स्टॉक मार्केट और म्यूचुअल फंड निवेशकों को भी कई उम्मीदे हैं. शेयर बाजारों और म्यूचुअल फंड निवेशकों को अलग-अलग लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स में राहत की उम्मीद है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत में लिस्टेड इक्विटी शेयरों की बिक्री पर LTCG टैक्स समाप्त होने से स्टॉक एक्सचेंज के ज़रिए निवेश को बढ़ावा मिलेगा.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
- Tax2Win से जुड़े एक्सपर्ट्स ने कहा, “लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) को लागू करने से निवेशकों का विश्वास टूट गया था. भारत में लिस्टेड इक्विटी शेयरों की बिक्री पर LTCG टैक्स में सरकार द्वारा छूट दी जानी चाहिए. वैकल्पिक रूप से, यह उन निवेशकों को टैक्स ब्रेक ऑफर कर सकता है जिनके पास दो साल से ज्यादा समय तक संपत्ति है. प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में एलटीसीजी टैक्स नहीं है. सरकार स्टॉक एक्सचेंज के जरिए निवेश को बढ़ावा देने के लिए इसे खत्म करने पर विचार कर सकती है.”
- एसडब्ल्यू इंडिया के इंटरनेशनल टैक्स एक्सपर्ट सौरव सूद ने कहा कि LTCG और सालाना 5 लाख रुपये तक की आय के बीच की असमानता को दूर किया जाना चाहिए.
- सूद ने आगे कहा, “इंडिविजुअली, इनकम स्लैब रेट्स के अनुसार टैक्सेबल है, जिससे 2,50,000 रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता है. स्टैंडर्ड डिडक्शन, मार्जिनल रिलीफ बेनिफिट और सेक्शन 80C बेनिफिट को जोड़ने से ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है, जहां सालाना 500,000 रुपये तक की आय पर कोई टैक्स देय न हो. हालांकि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के मामले में ऐसी छूट सिर्फ 1,00,000 रुपये तक ही है. इस असमानता को लॉन्ग टर्म कैपिटल टैक्स की छूट सीमा को हायर लेवल तक बढ़ाकर देखा जाना चाहिए.”
- सूद ने आगे कहा कि किसी व्यक्ति के लिए टैक्स की स्लैब रेट वर्तमान में 30% तक बढ़ जाती है. इतनी ऊंची टैक्स दर को कम किया जाना चाहिए, बल्कि सरकार को टैक्स रिटर्न न दाखिल करने के लिए दंडात्मक प्रावधानों को सख्त बनाकर टैक्स बेस बढ़ाने के तरीके खोजने चाहिए.
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एसेट क्लास में LTCG को सरल बनाने की मांग
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के एक्सपर्ट्स ने भी सरकार से अलग-अलग एसेट क्लास के लिए टैक्स रेट्स और होल्डिंग पीरियड में स्थिरता के लिए कैपिटल गेन टैक्सेशन को सरल बनाने की सिफारिश की है.
स्पेक्युलेटिव इनकम कॉन्सेप्ट को हटाने की मांग
एक्सपर्ट्स का मानना है कि बजट 2022 से इक्विटी बाजारों में तेजी लाने में मदद मिलती है और ऐसा करने के लिए सरकार को हर संभव उपाय पर विचार करना चाहिए. Upstox के डायरेक्टर पुनीत माहेश्वरी ने कहा, “सरकार को स्पेक्युलेटिव इनकम के कॉन्सेप्ट को हटा देना चाहिए और कैपिटल मार्केट ट्रांजेक्शन से होने वाली इनकम क्लासिफिकेशन को बिजनेस इनकम, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन तक सीमित कर देना चाहिए. हमें उम्मीद है कि सरकार शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स पर 1,00,000 लाख रुपये तक की टैक्स छूट और सीनियर सिटीजन्स के लिए 50,000 रुपये तक के डिविडेंड पर टैक्स छूट पर विचार करेगी.”
(Article: Rajeev Kumar)