Budget 2022 expectations for Salaried Employees: कोरोना महामारी के चलते दुनिया भर में काम करने के तरीके में बड़े बदलाव हुए हैं. बहुत सारे कर्मी करीब दो साल से घर से काम कर रहे हैं. ऐसे में कर्मियों को न सिर्फ खुद व अपने परिवार को कोरोना महामारी से सुरक्षित करने के लिए अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है बल्कि इंटरनेट व टेलीफोन, घर पर ऑफिस सेटअप करने पर भी उनका खर्च बढ़ा है. इसके अलावा इलेक्ट्रिसिटी का भी खर्च बढ़ा है. महामारी से पहले उन्हें इन खर्चों को लेकर कोई चिंता नहीं करनी होती थी क्योंकि कार्य से जुड़ी सभी जरूरी चीजें ऑफिस की तरफ से उपलब्ध कराई जाती थी.
ऐसे में सैलरीड एंप्लाई आने वाले बजट 2022 में ‘वर्क फ्रॉम होम’ अलाउंस की उम्मीद कर रहे हैं. उन्हें महामारी के दौरान घर से ऑफिस का काम करने के लिए जो अतिरिक्त खर्च करना पड़ा, उस पर टैक्स राहत मिलने की उम्मीद है. अगले वित्त सत्र 2022-23 के लिए बजट पेश होने का काउंटडाउन शुरू हो चुका है और अगले महीने 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अगला बजट पेश कर सकती हैं. यह उनका चौथा बजट होगा.
Budget 2022 के लिए मिले अहम सुझाव
- वर्क फ्रॉम होम के चलते कर्मियों को इंटरनेट, इलेक्ट्रिसिटी और फर्नीचर इत्यादि पर अतिरिक्त खर्च करना पड़ा है. डेलॉयट इंडिया ने प्री-बजट एक्सपेटेशंस 2022 में सिफारिश की है कि बजट में घर से काम कर रहे कर्मियों को 50 हजार रुपये के वर्क फ्रॉम होन अलाउंस के रूप में अतिरिक्त डिडक्शन दिया जाना चाहिए.
- अपने प्री-बजट मेमोरेंडम में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटैंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने भी सरकार को सुझाव दिया है कि वर्क फ्रॉम होम के लिए फर्नीचर इत्यादि पर किए गए खर्च को खास तौर पर एग्जेंप्शन के दायरे में लाया जाना चाहिए.
- आईसीएआई ने सुझाव दिया है कि सरकार को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 16 के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने पर विचार करना चाहिए. आईसीएआई ने इस 1 लाख रुपये के डिडक्शन लिमिट को कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स से जोड़ने का भी सुझाव दिया है
(आर्टिकल: राजीव कुमार)