Budget 2022 Expectations: कोरोना महामारी के चलते पिछले दो साल से बच्चों की शिक्षा बुरी तरह प्रभावित हुई है. स्कूलों-कॉलेजों के बंद होने के दौरान ऑनलाइन तरीके से पढ़ाई-लिखाई का चलन तेजी से बढ़ा. हालांकि इसे लेकर देश भर में स्थिति एक जैसी नहीं है. दूर-दराज के गांवों में नेटवर्क की समस्या के चलते और कम आय वर्ग के बच्चों के सामने महंगे डिवाइसेज की उपलब्धता नहीं होने के चलते वे ऑनलाइन शिक्षा नहीं ग्रहण कर पा रहे हैं. ऐसे में अगले वित्त वर्ष 2022-23 के बजट से लोगों को बड़ी उम्मीदे हैं. वित्त वर्ष 2023 का बजट केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले महीने 1 फरवरी को पेश करेंगी.
आगामी बजट से उम्मीद लगाई जा रही है कि सरकार देश भर में सभी बच्चों को बेहतर ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए जरूरी प्रावधान करेगी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाएगी. इसे लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एजुकेशन सेक्टर के कई दिग्गजों ने अहम सुझाव दिए हैं कि उन्हें बजट से क्या उम्मीदें हैं..
Budget Expectations 2022: नए बजट से निवेशकों को उम्मीद, 80C की लिमिट बढ़ाएगी सरकार
डिजिटल इंफ्रा में निवेश बढ़ाने की मांग
WeSkill के को-फाउंडर शशांक पाटीदार का कहना है कि बजट में सभी को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराए जाने के लिए प्रावधान किए जाने की जरूरत है. अब आने वाले समय में ऑनलाइन शिक्षा का चलन बढ़ने वाला है तो ऐसे में यह सभी की पहुंच में हो, इसके लिए सरकार को आगे बढ़कर आना होगा. पाटीदार का मानना है कि सरकार आगामी बजट में अर्द्धशहरी व गांवों में भी डिवाइस व इंटरनेट एक्सेस के लिए निवेश बढ़ाएगी. इसके अलावा इस साल सरकार की हाई प्रॉयोरिटी में नई शिक्षा नीति को बड़े स्तर पर लागू करने की होना चाहिए जिसके तहत शैक्षणिक संस्थानों को इसे लागू करने के लिए इंसेटिंव दिया जा सकता है. पाटीदार ने आगामी बजट के लिए सरकार को पाठ्यक्रम में ऐसे सुधार किए जाने की जरूरत बताई जिससे न सिर्फ मौजूदा दौर की बल्कि भविष्य की भी रोजगार मांग पूरी की जा सके.
एडुटेक कंपनियों के साथ मिलकर काम करने का सुझाव
अड्डा247 के फाउंडर और सीईओ अनिल नागर के मुताबिक एडुटेक इंडस्ट्री देश के टियर 3 और 4 शहरों में भी तेजी से फैल रहा है और वर्कफोर्स को शिक्षित करने में बड़ी भूमिका निभा सकती है. हालांकि इसके लिए जरूरी है कि ऑनलाइन एजुकेशन सभी के बजट के भीतर हो. ऐसे में नागर का सुझाव है कि सरकार को इसे जीएसटी की दरें कम कर सहारा देना चाहिए और शहरों के साथ-साथ गांवों के भी बच्चों को बेहतर ऑनलाइन शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्टर को मजबूत करना चाहिए. नागर का मानना है कि सरकार को एजुटेक कंपनियों के साथ मिलकर काम करना चाहिए.
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एडु-टेक पर होने वाले खर्च पर 80C के तहत टैक्स छूट मिले
इंटरैक्टिव लर्निंग ऐप OckyPocky के फाउंडर और सीईओ अमित अग्रवाल का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बदलाव हो रहे हैं. मौजूदा माहौल में शिक्षा सिर्फ किताबों और क्लासरूम तक ही सीमित नहीं है. इसमें नई तकनीक की मदद से लगातार सुधार हो रहे हैं. लेकिन इस बदलाव के दायरे को देश के गैर-मेट्रो शहरों तक ले जाने की जरूरत है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ ले सकें. इसके लिए अगर सरकार अपने बजट में आम करदाताओं को एडु-टेक पर होने वाले खर्च पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छूट देने जैसा कदम उठाती है, तो यह एक अच्छा कदम हो सकता है.
फ्रेश ग्रेजुएट्स को नौकरी पर कंपनियों को टैक्स राहत की मांग
BridgeLabz के फाउंडर नारायण महादेवन के मुताबिक वर्ष 2023 तक दुनिया भर में चीन को भी पछाड़कर भारत सबसे अधिक कामकाजी लोोगों को देश बन जाएगा. ऐसे में सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘आत्मनिर्भर भारत’ को साकार करने के लिए सरकार को इन सभी युवाओं के लिए रोजगार सुनिश्चित करना होगा. महादेवन को उम्मीद है कि सरकार आगामी बजट 2022-23 में स्टार्टअप्स को न सिर्फ स्किल डेवलपमेंट के लिए प्रोत्साहित करने का प्रावधान करेगी बल्कि सभी युवाओं को रोजगार मिल सके, इसके लिए स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करना होगा. इसके अलावा महादेवन ने सरकार को स्किल-टू-जॉब को एक अलग कैटेगरी के रूप में मान्यता देने का सुझाव दिया है और ऐसे स्टार्टअप्स के लिए टैक्स रीबेट की भी मांग की है जो स्किल डेवलपमेंट के साथ रोजगार भी मुहैया कराएंगे. महादेवन ने ऐसे फ्रेश ग्रेजुएट्स को नौकरी देने वाली कंपनियों को भी टैक्स राहत देने का सुझाव दिया है.
एजुकेशन इंडस्ट्री पर टैक्स घटाने की मांग
Imarticus Learning के फाउंडर और एमडी निखिल बार्शिकर ने उम्मीद जताई है कि आगामी बजट में सरकार एजुकेशन इंडस्ट्री पर टैक्स घटाएगी और देश के सभी हिस्सों में ऑनलाइन शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करेगी. देश में तेजी से ई-लर्निंग कोर्सेज चुनने वाले बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, खासतौर पर टियर 2 शहरों में तो निखिल का कहना है कि सरकार को इन शहरों में स्टेबल डिजिटल इंफ्रा तैयार करने फोकस करना चाहिए. निखिल का कहना है कि इस समय अपनी क्षमताओं में बढ़ोतरी करने पर जोर दिया जा रहा है तो ऐसे में बजट में इस पर फोकस करना चाहिए.