देश के सफलतम उद्योगपतियों में शामिल Rahul Bajaj ने बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए Bajaj Auto के गैर-कार्यकारी निदेशक और चेयरमैन का पद छोड़ने का फैसला किया है. पांच दशकों के इस कैरियर का आज 30 अप्रैल को बजाज ऑटो के गैर-कार्यकारी चेयरमैन के तौर पर उनका आखिरी दिन है. कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी गई नियामकीय सूचना में यह जानकारी दी है. राहुल बजाज ने दुपहिया और तिपहिया वाहनों के क्षेत्र में बजाज आटो को दिग्गज कंपनी बनाया.
राहुल बजाज के स्थान पर कंपनी ने नीरज बजाज को चेयरमैन नियुक्त किया है. नीरज बजाज की नियुक्ति 1 मई 2021 से प्रभावी हो जाएगी और राहुल बजाज कंपनी के चेयरमैन एमेरिटस के तौर पर 1 मई से अगले पांच साल तक कार्यरत रहेंगे. राहुल बजाज के कजिन 65 वर्षीय नीरज का कैरियर 25 वर्षों से अधिक समय का है. राहुल बजाज के बेटे राजीव बजाज कंपनी के एमडी और राहुल के कजिन मधुर बजाज वाइस चेयरमैन हैं. 80 हजार करोड़ रुपये की बाजार पूंजी वाली बजाज ऑटो में 40 हजार से अधिक कर्मी हैं.
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Bajaj Auto की सफलता में राहुल बजाज का बड़ा योगदान
कंपनी ने कहा है कि बजाज आटो समूह की सफलता में राहुल बजाज का बहुत अधिक योगदान रहा है. उनके पिछले पांच दशकों के लंबे अनुभव और कंपनी के हित में उनके अनुभव, ज्ञान और बुद्धि का एक सलाहकार के तौर पर समय समय पर लाभ उठाते हुये कंपनी के निदेशक मंडल ने उन्हें कंपनी का चेयरमैन एमेरीटस नियुक्त करने को मंजूरी दे दी. राहुल बजाज ने 1965 में बजाज समूह की कमान संभाली थी. उन्होंने कंपनी का नेतृत्व करते हुये बजाज चेतक स्कूटर लांच किया जिसे मध्यम वर्ग के लिए एस्पिरेशनल सिंबल माना गया. बजाज चेतक की सफलता के बाद कंपनी लगातार आगे बढ़ती चली गई. 90 के दशक में भारत में उदारीकरण की शुरुआत हुई और जापानी मोटर साइकिल कंपनियों ने भारतीय दुपहिया वाहनों को कड़ी टक्कर दी लेकिन राहुल बजाज के नेतृ्त्व में कंपनी आगे बढ़ती रही.
2006-2010 तक रहे राज्यसभा सदस्य
देश के सबसे सफलतम उद्योगपतियों में से एक राहुल बजाज को उनके खुलकर बोलने के लिये जाना जाता है और वह 2006 से लेकर 2010 तक राज्य सभा के सदस्य भी रहे. नवंबर 2019 में मुंबई में एक कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में राहुल बजाज ने सरकार की आलोचना को लेकर उद्योगपतियों के डर के बारे में चुटकी लेते हुये कहा था कि हम सभी के दिमाग में डर का माहौल है और केंद्र अच्छा काम कर रही है, इसके बावजूद हमारे भीतर यह विश्वास नहीं है कि आप आलोचना को सराहेंगे.