Mercedes-Benz India: जर्मनी की लग्जरी कार बनाने वाली कंपनी मर्सिडीज-बेंज इंडिया (Mercedes-Benz India) ने 2,179 से अधिक गाड़ियों को वापस मंगाने का फैसला किया है. एक्सप्रेस मोबिलिटी को एक ईमेल के जवाब में कंपनी ने बताया कि अक्टूबर 2005 से लेकर जनवरी 2013 के बीच निर्मित वाहनों को वापस मंगाया गया है, जिसमें ML, GL (164 प्लेटफॉर्म) और R-क्लास (251 प्लेटफॉर्म) व्हीकल्स शामिल हैं. एक ईमेल के जवाब में कंपनी ने कहा, “अलग-अलग रिपोर्टों के आधार पर, कुछ एमएल, जीएल (164 प्लेटफॉर्म) और आर-क्लास (251 प्लेटफॉर्म) वाहनों पर इसके हाउसिंग के जॉइंट एरिया में जंग लगने के चलते ऐसा हो सकता है कि ब्रेक बूस्टर ठीक ढंग से काम न करे.” यह रिकॉल पिछले हफ्ते खराब हुए ब्रेक के कारण 10 लाख यूनिट की ग्लोबल रिकॉल का हिस्सा है.
ब्रेकिंग सिस्टम की जांच होने तक न चलाएं गाड़ियां
कंपनी का कहना है कि अगर ब्रेकिंग सिस्टम में जंग लग रही है तो इससे ब्रेक लगाने में दिक्कत होगी, जिससे ब्रेक बूस्टर डैमेज हो सकता है. कंपनी ने अपने ग्राहकों से अपील की है कि ब्रेकिंग सिस्टम की जांच होने तक वे गाड़ियां न चलाएं. कंपनी ने आगे कहा कि लंबे समय तक चलने और पानी के संपर्क में रहने के चलते जंग के कारण ब्रेक बूस्टर में लीकेज हो सकता है. ऐसे में हो सकता है कि ब्रेक ठीक ढंग से काम न करे. इससे ब्रेक लगाते समय हिसिंग या एयरफ्लो शोर भी बढ़ सकता है.
इसके अलावा, कंपनी ने कहा है कि ज्यादा जंग लगने के चलते, खास तौर पर हार्ड ब्रेकिंग के कारण ब्रेक बूस्टर को मैकेनिकल नुकसान पहुंच सकता है, जिससे ब्रेक पेडल और ब्रेक सिस्टम के बीच कनेक्शन फेल होने की संभावना है. ऐसे मामलों में सर्विस ब्रेक का उपयोग करके वाहन की स्पीड को कम करना संभव नहीं होगा. इस तरह, दुर्घटना या चोट का खतरा बढ़ जाएगा. हालांकि, कंपनी का कहना है कि इसके चलते फुट पार्किंग ब्रेक का काम प्रभावित नहीं होता है.
रिकॉल प्रक्रिया के तहत, उन वाहनों की जांच की जाएगी जिनके प्रभावित होने की आशंका है. जांच के नतीजे के आधार पर पुर्जों को बदलना शामिल होगा. सुरक्षित ड्राइविंग के लिए ब्रेक जरूरी है, इसलिए संभावित रूप से प्रभावित वाहनों के ग्राहकों को जांच होने तक गाड़ियों के इस्तेमाल से बचना चाहिए. ग्राहक आगे की जांच के लिए नजदीकी मर्सिडीज-बेंज पार्टनर से संपर्क कर सकते हैं.
(Article : Deepanshu Taumar, Nilesh)